दीपक फैजाबाद/भगवान राम की नगरी अयोध्या में मोक्ष दायिनी सरयू बन रही है काल का ग्रास.जीवन देने वाली माँ सरयू नदी में समा रही युवा पीढ़ी.शासन प्रशासन की वजह से नदी में समा रही युवा पीढ़ी.शासन नहीं दे रहा है जल पुलिस प्रस्ताव को हरी झंडी.अयोध्या को दरकार एक अदद जल पुलिस की.जी हाँ अयोध्या के सरयू नदीं लगातार डूबने की घटनाये सामने आ रही है लेकिन पुलिस प्रशासन इन घटनाओं को रोकने में नाकामयाब साबित हो रहा है। वजह है फैजाबाद पुलिस के पास जल पुलिस की व्यवस्था न होना.शासन के पास 2005 से जल पुलिस का प्रस्ताव लंबित है लेकिन शासन प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं दे रहा है जिससे मोक्ष दायिनी कही जाने वाली सरयू नदी काल का ग्रास बनती जा रही है।
हर साल अप्रैल से लेकर जुलाई तक का महीना ऐसा समय होता है जब मां सरयू की लहरों में हादसों का अंबार लग जाता है. हर वर्ष दर्जनों लोग बेमौत मारे जाते हैं अब इसे विधि का विधान कहें या मानवीय चूक कहें या प्रबंध तंत्र की लापरवाही लगातार हो रहे जल हादसों के बावजूद भी इस पर कोई लगाम नहीं लग पा रही है । इस वर्ष भी बीते 3 महीनों में अयोध्या फैजाबाद के सरयू घाटों को मिलाकर करीब 2 दर्जन से अधिक लोग मारे जा चुके हैं लेकिन हादसे हैं कि थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा घटनाएं 24 घंटे के अंदर घटी है ,जिसमें दो अलग-अलग घटनाओं में दो किशोरों सहित दो युवक नदी में डूब गए है. पहली घटना हुई थी फैजाबाद के गुप्तार घाट में जहां पर अपने दोस्तों के साथ नदी में नहाने आए दो किशोर मधुर और ऋषभ नदी की गहराइयों में खो गए और करीब 24 घंटे पूरे होने को है लेकिन उनके शव अभी तक नहीं बरामद हुए हैं ।
एक तरफ फैजाबाद के अवतार घाट पर पुलिस टीम गोताखोरों के साथ नदी में डूबे दोनों किशोरों की तलाश कर रही थी ,वही दोपहर होते-होते राम नगरी अयोध्या के संत तुलसीदास घाट पर भी एक हृदय विदारक घटना हो गई . जिसमें अपने परिवार के साथ अयोध्या दर्शन पूजन करने के लिए आए गोंडा जनपद के वजीरगंज थाना क्षेत्र के चंदापुर निवासी दो सगे भाई विजय कुमार दुबे और विनोद कुमार दुबे नदी की गहराइयों में नहाते समय खो गए।