नई दिल्ली/दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आज एक पत्रकार वार्ता में कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने निजी बिजली वितरण कम्पनियों के साथ मिलकर गत 4 माह में लगभग 800 करोड़ का घोटाला किया है। यह जानकारी एक आर.टी.आई. के व्यवहारिक अध्ययन से सामने आई है। दिल्ली के विधुत मंत्री सतेन्द्र जैन द्वारा आज किया गया एक ट्वीट भी इस घोटाले के अरोप को पुख्ता करता है। पत्रकार वार्ता में प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल, श्री राजेश भाटिया एवं श्री रविन्द्र गुप्ता भी उपस्थित थे।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि इस वर्ष के प्रारम्भ में अरविंद केजरीवाल सरकार ने बिजली बिलों में प्रति किलोवाॅट लोड के आधार पर लगने वाले सरचार्ज में अप्रत्याशित वृद्धि की और बिना किसी पूर्व सूचना के दिल्ली में सभी उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में स्वीकृत लोड को मनमाने ढंग से बढ़ा दिया। इस मनमानी के चलते दिल्ली सरकार की भागीदारी वाले पाॅवर डिस्काॅम आज लोगों से लगभग 23000 मेगावाॅट लोड के आधार पर सरचार्ज एकत्र कर रहे हैं।
यह 23000 मेगावाॅट अगर हम साधारण भाषा में देखें तो लगभग 2,30,00,000 किलोवाॅट और सरकार इस पर प्रतिमाह जनता से लगभग 230 करोड़ रूपये डिस्काॅम्स को दिलवा रही है। बात यहीं समाप्त नहीं होती सरकार इस मद में निजी कंपनियों को 100 करोड़ प्रतिमाह सब्सिडी भी दे रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि दिल्ली के विधुत विभाग के मंत्री सतेन्द्र जैन ने स्वयं ट्वीट कर स्वीकार किया है कि दिल्ली में अधिकतम लोड 7000 मेगावाॅट तक जा सकता है। इस वर्ष यह लोड अभी तक 6934 मेगावाॅट तक गया है। इस आधार पर हम स्पष्ट कह सकते हैं कि सरकार ने हर माह जनता से 16000 मेगावाट पर अधिक सरचार्ज लूटा है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा लगाये अनुमान के अनुसार यह स्पष्ट है कि केजरीवाल सरकार ने निजी बिजली कंपनियों के साथ मिलकर चार माह में लगभग 800 करोड़ रूपये का घोटाला किया है और हम मांग करते हैं यह पैसा जनता को अविलम्ब एकमुश्त वापस किया जाये। दिल्ली भाजपा इस सारे मामले की सी.बी.आई. जांच की मांग करती है।