लखनऊ, 13 फरवरी। भारत की युवा पीढ़ी प्रखर मेधा व बुद्धिमत्ता से परिपूर्ण है एवं इस पीढी में एकता, शान्ति, सहयोग, सद्भावना व सर्वधर्म समभाव के साथ ही उच्च जीवन मूल्यों का विकास करना हम सबकी जिम्मेदारी है। यह विचार सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने आई.आई.एम. लखनऊ के तत्वावधान में ‘लीडर्स एक्सप्रेस’ कार्यक्रम के दौरान छात्रों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। शैक्षिक जगत में राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर डा. गाँधी के गहन अनुभव को देखते हुए अतिथि वक्ता के तौर पर विशेष रूप से आमन्त्रित किया गया था। छात्रों को सम्बोधित करते हुए डा. गाँधी ने आगे कहा कि शान्ति, सुरक्षा व एकता से परिपूर्ण विश्व व्यवस्था का दारोमदार भावी पीढ़ी के कंधो पर है, ऐसे में युवा पीढी़ में मानवतावादी वैश्विक दृष्टिकोण का विकास बहुत जरूरी है। डा. गाँधी ने कहा कि युद्ध के विचार का उदय सर्वप्रथम मनुष्य के मस्तिष्क से ही होता है, अतः एकता व शान्ति स्थापना के विचारों का अभ्युदय भी सर्वप्रथम मनुष्य के मष्तिष्क से ही होना चाहिए। डा. जगदीश गाँधी के अथक परिश्रम, लगन व मार्गदर्शन का परिणाम है कि 5 बच्चों से शुरू हुए सिटी मोन्टेसरी स्कूल में आज 58,000 से अधिक छात्र क्वालिटी एजूकेशन प्राप्त कर रहे हैं। आपके मार्गदर्शन में सी.एम.एस. को वर्ष 2002 में ‘यूनेस्को शान्ति शिक्षा पुरस्कार’ से नवाजा गया। इसके अलावा, सी.एम.एस. संयुक्त राष्ट्र संघ का आफिसियल एन.जी.ओ. भी है। डा. गाँधी को शिक्षा एवं समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु देश में एवं विदेशों में अनेकानेक पुरस्कारों, सम्मानों एव उपाधियों से नवाजा जा चुका है।