सन्तोषसिंह नेगी/चमोली..चमोली जिले की हिमालय की खुबसूरत पहाड़ी पर स्थित 5-7 किलोमीटर में फैला छोटा सा स्की-रिसोर्ट है। इस रिसोर्ट को 9,500-10,500 फीट की ऊँचाई पर बनाया गया है। यहाँ बर्फ से ढकी चोटियाँ बहुत ही सुन्दर दिखाई देती हैं। इनकी ऊँचाई लगभग 23,000 फीट है और यहाँ पर देवदार के वृक्ष बहुतायत में पाए जाते हैं। इनकी महक यहाँ की ठंडी और ताजी हवाओं में महसूस की जा सकती है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमालय की पहाड़ियों पर स्थित औली स्की के लिए एक गंतव्य है.गढ़वाली में औली को औली बुग्याल अर्थात् “घास के मैदान” के नाम से जाना जाता है. जोशीमठ से सड़क से नंदादेवी, कमेट तथा दूनागिरी जैसे विशाल पर्वत चोटियों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है. आमतौर पर जनवरी से मार्च माह में औली की ढलानों लगभग 3 मी० गहरी बर्फ की चादर बिछी होती है.औली में स्थित 500 मी० के ढलान के साथ 3 किमी विस्तार वाला मैदान अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार एक बहुत अच्छा स्कीइंग ग्राउंड माना जाता है. बुलंद हिमाच्छादित पर्वतों की भूमिका स्कायर्स के हौसलों में और अधिक वृद्धि करता है।
हालांकि औली के लिए रेल सेवाएं उपलब्ध नहीं है। रेल द्वारा आप ऋषिकेश या काठगोदाम तक ही पहुंच सकते है लेकिन यहां से आगे आपको सडक मार्ग द्वारा जाना पडेगा। ऋषिकेश से श्रीनगर, रुद्रप्रयाग ,कर्णप्रयाग चमोली, जोशीमठ और औली 253 किलोमीटर दूर स्थित है। ऋषिकेश से औली बस या कार द्वारा जोशी मठ होकर औली पहुंचा जा सकता है। औली में ठहरने के स्थान के लिए यहां गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा फाइबर हट्स बनाई गई है। जहां रहने के अलावा खाने पीने की भी व्यवस्था भी है और सुन्दर दृश्यों को देखकर पर्यटकों का मन मोह जाता है।