नितिन उपाध्याय/रवि..मंगलवार को केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भाजपा सरकार देश के सभी स्कूलों कॉलेजों में आपातकाल के काले अध्याय पढ़ाने की तैयारी कर रही है।मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि केन्द्र सरकार चाहती है कि कांग्रेस सरकार ने जो देश के लोगों पर अत्याचार किया है उसे हमारी आने वाली नयी पीढ़ी को भी पता चल सके और देश के संविधान की रक्षा हो सके।इसलिए हमने तय किया है कि आपातकाल का काला अध्याय शिक्षा का अनिवार्य सिलेबस बन जाए।ऐसा केन्द्र ने देश के संविधान की रक्षा के लिए किया है और नयी युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए किया है।
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी की पूरी कहानी किताब में होगी, जिससे छात्रों के मन में लोकतंत्र के प्रति आस्था जगे. देश के छात्रों को देश का सही इतिहास बताया जाएगा।केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि अभी किताबों में आपातकाल का जिक्र है लेकिन अब इसको और चुस्त कर पूरे विस्तार से बताया जाएगा. इसमें बताया जाएगा कि इमजरेंसी क्यों लागू हुई और इमरजेंसी के दौरान क्या- क्या हुआ।
आपको बताते चले कि जावड़ेकर इमरजेंसी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जयपुर आए थे, जिसमें उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि अपनी सत्ता बचाने के लिए इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। इमजरेंसी की शुरुआत मंहगाई के आंदोलन से हुई थी और कांग्रेस जब भी शासन में आती है मंहगाई बढ़ती है. इमरजेंसी के बारे में बात करते हुए जावड़ेकर ने यह समझाने की कोशिश की कि इमरजेंसी और कांग्रेस दोनों अलग नहीं है।
हालांकि मानव संसाधन मंत्री जावड़ेकर से जब सवाल पूछा गया कि उन्हीं की पार्टी के विधायक रहे घनश्या तिवारी कह रहे हैं कि आज के हालात इमरजेंसी से भी बुरे हैं और देश में अघोषित इमरजेंसी है तो जावड़ेकर ने कहा कि वो तिवाड़ी जैसे हताश-निराश लोगों की बातों का जवाब नहीं देते।
पत्रकोरों को संबोधित करते हुए जावडेकर ने कहा कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के बयान को सही ठहराया जिसमें कहा गया था कि स्कूलों में ऐसे सिलेबस लगाए जाए जिससे कि फिर से कोई कन्हैया कुमार पैदा नहीं हो।मानव संसाधन मंत्री को पूरा संबोधन आपातकाल के इर्द गिर्द ही घूमता रहा।