पीलीभीत। भाजपा सरकार में जालसाज इतने बेलगाम हो गए हैं कि इन्हें अब पुलिस प्रशासन का भी कोई डर नहीं है। बेख़ौफ़ जालसाजों ने पूरनपुर के दुर्जनपुर गांव में बिना लाइसेंस और एनओसी के ही पेट्रोल पंप स्थापना का काम शुरू कर दिया है। खुद को हाईटेक बताने वाले जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। शिकायत मिलने पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल के बाद लाइसेंस लेने तक काम को रुकवा दिया है।
बायो डीजल के नाम पर बिना कोई लाइसेंसी प्रक्रिया के पेट्रोल पंप लगाने का धंधा बेरोकटोक चलाया जा रहा है। लखीमपुर खीरी और शाहजहांपुर में पैर पसारने के बाद अब इन जालसाजों की नज़र पीलीभीत जनपद में कई इलाकों पर लगी हुई है। बीसलपुर तहसील में ऐसे कई पेट्रोल पंप लगाये जाने के बाद अब पूरनपुर तहसील के ग्राम दुर्जनपुर (नजीरगंज) में भी बायो डीजल बताकर एक अनाधिकृत पेट्रोल पंप लगाने का काम जालसाजों द्वारा शुरू किया गया है। टेंक और मशीन लगाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। दो-चार दिन बाद ही इसमें डीजल और पेट्रोल भर दिया जाएगा, और हफ्ते भर बाद शुरू हो जायेगी डीजल पेट्रोल की बिक्री।
खास बात तो यह है कि इस पेट्रोल पंप को स्थापित करने के लिए प्रशासन से किसी भी प्रकार की न तो कोई एनओसी ली गई और न ही कोई लाइसेंस। भूमिगत टैंक लगाने के लिए विस्फोटक व अग्निशमन का लाइसेंस व उपकरण स्थापित करना आवश्यक होते हैं, परंतु यहां इसके लिए भी कोई प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। मामले की शिकायत मिलने पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी ब्रह्मानंद दुबे ने दुर्जनपुर पहुंचकर बिना विस्फोटक लाइसेंस व एनओसी के पेट्रोल पंप स्थापना ना करने की हिदायत देते हुए काम रुकवा दिया। दुबे ने बताया कि लखीमपुर के राम किशोर मिश्रा द्वारा बायोडीजल बता कर यहां एक पेट्रोल पंप लगाये जाने की शिकायत मिलने पर उनको सख्त हिदायत दे दी गई है कि लाइसेंस व एनओसी लेने के बाद ही काम शुरू कराया जाए।
आपको बता दें कि पूरनपुर तहसील से सटे खीरी की पीलिया तहसील के काप टांडा में किशनपुर किसान सेवा केंद्र के नाम का पेट्रोल पम्प अनाधिकृत तरीके से खोला गया है लेकिन बायो या कंपनी का नाम कहीं नहीं लिखा है। कासगंजा देवकली बंड़ा रोड पर 3 पेट्रोल पम्प अनाधिकृत तरीके से चलाये जा रहे हैं।
क्या कहता है कानून——डीजल और पेट्रोल की बिक्री ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण बिना लाइसेंस प्रतिबंधित है। डीजल पेट्रोल वितरण व नियंत्रण हेतु एमएस एचएसडी कंट्रोल एक्ट 2005 भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है। इसके तहत डीजल पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए भारत सरकार की उस आयल कंपनी से लाइसेंस लेना जरूरी होता है, जिसे भारत सरकार ने इसके लिए अधिकृत किया हो। इसके अलावा भूमिगत टैंक लगाने के लिए विस्फोटक विभाग आगरा का लाइसेंस, डीजल बिक्री के लिए जिला पूर्ति अधिकारी का लाइसेंस और जमीन को लेकर पुलिस, लोनिवि, अग्निशमन, जिला पंचायत, वन विभाग की एनओसी के साथ ही जिला अधिकारी से नक्शा भी पास कराना पड़ता है। उसके बाद ही पेट्रोल पंप की स्थापना संभव होती है। बायोडीजल उत्पाद के रूप में आया तो भारत सरकार ने 10 अगस्त 2015 एवं 29 जून 2017 में एमएस एचसएडी कंट्रोल एक्ट में संशोधन करके बायोडीजल को भी इसमें शामिल कर लिया। इसके तहत बायोडीजल की बिक्री करने के लिए भी वही सब नियम लागू होंगे जो दूसरे पेट्रोल पंपों के लिए लागू होते हैं।
जिले के कुछ अधिकारी माफियाओं से मिलीभगत के चलते लोगों को गुमराह करने से भी नहीं चूकते। पीलीभीत के जिला प्रशासन का मानना है कि डीजल पेट्रोल के लिए लाइसेंस की जरूरत है,परंतु बायोडीजल के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं है। प्रदेश सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए छूट दी है। पर शायद उन्हें यह नहीं मालूम कि बायोडीजल कहीं नहीं बनता और ना ही कोई कंपनी इसकी आपूर्ति करती है। डीजल में मिलाकर ही बायोडीजल की बिक्री ऑयल कंपनियों के अधिकृत पम्पों द्वारा की जा सकती है। ऐसा कंट्रोल एक्ट में हुए संशोधन में साफ उल्लेख किया गया है। कसगंजा नभींची रोड पर 2 नए बायो पम्प लग गए हैं। पिपरिया में एक बड़ी कंपनी का नाम लिखी मशीन अनाधिकृत रूप से लगाई गई है।
क्या है अंदर का खेल—बायोडीजल के नाम का पेट्रोल पंप लगाने के लिए शाहजहांपुर और लखीमपुर के जालसाज पार्टियों को फंसाकर उनसे 20 से 25 लाख रुपए ले लेते हैं। इसमें से 4 से 5 लाख जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारियों को देकर बिना किसी लाइसेंस पेट्रोल पंप लगवा दिया जाता है। शेष रकम में माफिया अपना हिस्सा बांट लेते हैं। ऐसे अनाधिकृत पंपों पर बायो डीजल सप्लाई के नाम पर केरोसिन की बिक्री खुलेआम होती है। जिसे सीआयल, रंग और सेंट मिलाकर बायो के पेट्रोल पंपों पर बेचा जाता है ताकि ग्राहकों को यह पता न लग सके कि यह केरोसीन ही है।
क्या बोले यूपीपीटीए अध्यक्ष—मामले में यूपीपीटीए के अध्यक्ष अश्वनी अत्रिश ने बताया कि बायोडीजल की बिक्री डीजल में मिला कर आयल कंपनियों के अधिकृत पेट्रोल पंपों पर की जा सकती है। अनाधिकृत पेट्रोल पंपों को लेकर शिकायत पेट्रोलियम मंत्रालय और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से की गई है। ऐसे अनाधिकृत सभी पेट्रोल पंप जल्द ही बंद कराये जाएंगे साथ ही मिलावटी तेल आपूर्ति करने वाले टैंकरों को भी जल्द से जल्द सीज करवाने को लेकर भी जल्द कदम उठाये जाएंगे।