नियमित स्वास्थ्य जांच, वजन प्रबंधन और हल्की एक्सरसाइज से हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है।
-29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे
हृदय रोग, धूम्रपान और उच्च तनाव स्तर की फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों को ज्यादा खतरा होता है।
सितंबर 28, 2023 : दिल से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है। आज के समय में तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण तनाव और तनावपूर्ण जीवनशैली के साथ-साथ खाने से जुड़ी समस्याएं काफी बढ़ी हैं। पिछले दशक में इन्हीं समस्याओं के कारण हृदय रोगों, हार्ट अटैक और स्ट्रोक से पीड़ित लोगों की संख्या काफी बढ़ गई है।
डॉ विवेक टंडन, एडिशनल डायरेक्टर, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा ने कहा कि भारत में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक हृदय रोग है। पिछले कुछ साल में हार्ट अटैक के मामलों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। इनको विभिन्न अध्ययनों में भी दर्ज किया गया है। इनमें दावा किया गया है कि 40 वर्ष से कम उम्र के 25% भारतीयों को दिल का दौरा पड़ने या दिल से जुड़ी अन्य गंभीर बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। 40 से 50 वर्ष की उम्र के लोगों के लिए यह जोखिम 50% तक बढ़ जाता है।
डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत में दिल की सेहत एक गंभीर चिंता का विषय रही है। इसलिए हृदय संबंधी किसी भी बीमारी से बचने के लिए थोड़ी एक्सरसाइज, वेट मेंटेन करना, स्वस्थ आहार, शराब और तंबाकू का सेवन न करना बेहद जरूरी है।
डॉ विवेक टंडन, एडिशनल डायरेक्टर, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा बताते हैं “ कि अगर हम एक्टिव हैं, संतुलित आहार लेते हैं, धूम्रपान और शराब छोड़ देते हैं और तनाव के स्तर को नियंत्रित रखने के तरीके अपनाते हैं तो अचानक हृदय गति रुकने से बचा जा सकता है। युवा आबादी में हार्ट अटैक के मामले बढ़ने का एक प्रमुख कारण लंबे समय तक काम करना, कम नींद और रिलेशनशिप से जुड़े मुद्दे हैं। यही तनाव और हृदय रोग का कारण बनते हैं। डॉक्टरों ने कहा है कि अगर किसी की हृदय रोग से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री है या कोई खराब जीवनशैली जी रहा है तो उसे डॉक्टरों से अपनी जांच करवानी चाहिए।
फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के फैसेलिटी डायरेक्टर श्री प्रमित मिश्रा ने कहा कि इस प्रतिस्पर्धी समय में हमारी नींद पर असर पड़ता है, जिससे कि हमारा स्वास्थ्य खराब हो जाता है। जबकि जो लोग अपनी नींद का चक्र पूरा करते हैं और स्वस्थ नींद लेते हैं, वे स्वस्थ हृदय के साथ-साथ वजन और बीपी जैसे स्वास्थ्य कारकों का प्रबंधन करने में बेहतर होते हैं।