कन्हैया लाल यादव /बलरामपुर। जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान में केंद्र पुरोनिधानित मदरसा आधुनिकीकरण के अंतर्गत फरोग ए तालीम का15 दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित कर उर्दू अध्यापकों को उत्कृष्ट शिक्षण तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया। डायट प्राचार्य के के ओझा ने प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए उर्दू अध्यापकों को मेहनत और ईमानदारी से परिषदीय व मदरसा बच्चों को तालीम देने की नसीहत दी ।उन्होंने प्रशिक्षण में कहा भाषा शिक्षा के साथ बच्चों को उर्दू शिक्षा का ज्ञान भी जरूरी है प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मदरसों के शिक्षा स्तर में सुधार लाना वह बच्चों को बुनियादी शिक्षा मजबूती के साथ देना बताया ।
प्राचार्य ने मदरसा शिक्षकों को आईसीटी के बारे में बताते हुए कहा कि वर्तमान में शिक्षा व्यवस्था को रोचक एवं सरल माध्यम के लिए रुचिकर शिक्षा की जरूरत है। प्रशिक्षक महमूद उल हक में मदरसा के बच्चों का शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने व तकनीकी शिक्षा के बारे में जानकारी दें। तकनीकी शिक्षा से बच्चों की बौद्धिक क्षमता का विकास तेजी से होने की बात कही। साथ ही साथ प्रारंभिक स्तर पर उर्दू शिक्षण की विधियों पर विस्तार से उर्दू अध्यापकों को जानकारी दिया। प्रशिक्षक प्रभारी चंद्रमणि मिश्रा ने अंग्रेजी शिक्षा के विभिन्न पहलुओं की जानकारी उर्दू शिक्षकों को दिया प्रशिक्षक गोरखनाथ तिवारी ने कहा कि मदरसा के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ तकनीकी ज्ञान उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।प्रशिक्षण के दौरान डायट प्रशिक्षक किरण पांडे व अन्य स्टाफ मौजूद रहे।