उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि महिला सम्मान, सुरक्षा व स्वाभिमान को सरकार प्रोत्साहन दे रही है। सरकार ने महिलाओं की खुशहाली के लिए नए द्वार खोले हैं। महिला स्वावलंबन व सशक्तिकरण के लिए केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध व संकल्पबद्ध है। हर क्षेत्र में महिलाएं देश का परचम लहरा रही हैं। कहा कि मातृशक्ति के सहयोग से सरकार को लिंगानुपात बराबर करने में सहायता मिल रही है। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं ।
हर क्षेत्र में बेटियों ने अपनी अलग पहचान बनाई है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं की प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रही है, महिलाएं समझें, प्रयास करें और आगे आए ।बेटी- बेटा एक समान उनमे कोई फर्क न करें। समूहों की हर महिला को नियमानुसार आयुष्मान कार्ड बनाया जाए। समाज में महिलाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है।
श्री केशव प्रसाद मौर्य शुक्रवार को ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की पहल पर प्रदेश मे 25 नवंबर से 23 दिसंबर 22 तक आयोजित “नई चेतना पहल बदलाव की” कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। समापन समारोह का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में किया गया । राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा लैंगिक समानता पर आधारित जेंडर चैंपियन समारोह एवं कार्यशाला को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अलावा राज्य मंत्री ग्राम्य विकास विजय लक्ष्मी गौतम, मिशन निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सी० इन्दुमती ने भी संबोधित किया ।
उप मुख्यमंत्री ने विभिन्न गतिविधियां संचालित कर महिला स्वावलंबन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाली प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जेंडर चैंपियन के रूप में प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया ।
महिला सशक्तिकरण व स्वावलंबन तथा लैंगिक समानता पर आधारित केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा की बेटी -बचाओ, बेटी- पढ़ाओ, उज्जवला योजना में महिलाओं को निशुल्क गैस सिलेंडर, सौभाग्य योजना, सुकन्या समृद्धि योजना ,सुरक्षित मातृत्व योजना, मुद्रा योजना सिलाई मशीन योजना आदि सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं।
उन्होंने महिला हिंसा के विरुद्ध चलाई जा रही विभिन्न सेवाओं वुमेन पावर हेल्पलाइन, पुलिस सहायता, साइबर सेल आदि के बारे में भी प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि देश में 50 करोड़ खाते खोलने का कार्य किया गया, जिसमें 55 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना में महिलाओं के नाम से आवास दिए जाते हैं। महिलाएं यदि घर का काम करती हैं तो देश की सीमा पर भी बेटियां देश की रक्षा भी कर रही है। समाज रूपी रथ का पहिया महिला और पुरुष दोनों के कारण ही चल पाता है। कहा कि महिलाओं को अपना हक व सम्मान दिलाने में समाज के नजरिए को बदलने की जरूरत है।
भारतीय समाज में छोटी बच्चियों के खिलाफ भेदभाव और लैंगिक असमानता की ओर ध्यान दिलाने के लिए बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ के नाम से मा० प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सामाजिक योजना की शुरुआत की गई। आज देश में महिलाएं सामाजिक राजनीतिक एवं आर्थिक जीवन में बराबर की भागीदार है। महिलाओं के प्रति किसी भी तरह के भेदभाव दूर करने के लिए कानूनी प्रणाली एवं समान सामुदायिक प्रक्रिया विकसित की गई है। कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा 70 लाख से अधिक परिवारों को रिवाल्विंग फंड सामुदायिक निवेश निधि,आजीविका गतिविधियों को प्रोत्साहित करने हेतु बैंक ऋण, बी सी, विद्युत सखी द्वारा लाभांश अर्जन,कर लाभांश अपने जीविकोपार्जन ,आर्थिक उन्नयन एवं जीवन स्तर में निरंतर सुधार किया जा रहा है ,साथ ही टेक होम राशन, आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से महिला समूह आर्थिक रूप मे पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।
राज्यमंत्री ग्राम्य विकास विजयलक्ष्मी गौतम ने “नई चेतना पहल बदलाव की “कार्यक्रम की सराहना की और कहा इससे महिलाएं और अधिक सशक्त होंगी। उन्होंने कहा महिलाएं सशक्त होंगी तो परिवार सशक्त होगा, परिवार सशक्त होगा तो देश और राष्ट्र भी सशक्त होगा ।
कार्यक्रम की आयोजक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक सी० इन्दुमती ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और कहा प्रदेश के सभी विकास खंडों में और अन्य स्थलों पर पोस्टर, कैंडल मार्च ,शपथग्रहण, बैनर ,नुक्कड़ नाटक, रंगोली समूह की बैठकों में लैंगिक समानता पर चर्चा सोशल मीडिया सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए उन्होंने कहा की आजीविका मिशन द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं का आर्थिक उन्नयन कर उन्हें सशक्त बनाया जा रहा है। समूह की ग्रामीण महिलाओं में होने वाले किसी भी लैंगिक भेदभाव के विरुद्ध समूह की महिलाएं आवाज बुलंद कर रही हैं । महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए 1 माह तक 55 लाख 34 हजार परिवारों का जेण्डर जागरूकता अंतर्गत उन्मुखीकरण किया गया ।
उपमुख्यमंत्री ने लिंग आधारित भेदभाव या उत्पीड़न को समाप्त करने विषयक शपथ भी दिलाई।