लखनऊ, 18 नवम्बर। देश के रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज सायं सी.एम.एस. कानपुर रोड परिसर में आयोजित विश्व के 57 देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों व अन्य प्रख्यात हस्तियों के ‘स्वागत समारोह’ में बोलते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन के माध्यम से सी.एम.एस. सारे विश्व के बच्चों के लिए एक नया भविष्य निर्मित कर रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह बड़ी प्रसन्नता की बात है कि विभिन्न देशों के राजनीतिज्ञ, न्यायविद् व कानूनविद् भावी पीढ़ी के सुन्दर व सुरक्षित भविष्य एवं विश्व मानवता की बेहतरी के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं। स्वागत समारोह में मॉरीशस के राष्ट्रपति श्री पृथ्वीराजसिंग रूपन, एंटीगुआ और बारबुडा के गवर्नर-जनरल सर रॉडनी एरे लॉरेंस विलियम्स, घाना संसद के स्पीकर श्री एल्बन सुमाना किंग्सफोर्ड बैगबिन समेत विभिन्न देशों की प्रख्यात हस्तियों ने अपनी उपस्थिति से समारोह की गरिमा को बढ़ाया। स्वागत समारोह की अध्यक्षता मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने की।इससे पहले, सी.एम.एस. संस्थापक व अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के संयोजक डा. जगदीश गाँधी ने मुख्य अतिथि श्री राजनाथ सिंह व विभिन्न्न देशों से पधारे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्य न्यायाधीशों आदि सभी अतिथिगणों का हार्दिक स्वागत-अभिनंदन किया। अपने संबोधन में डा. गाँधी ने विश्व के सभी देशों का आह्वान करते हुए कहा कि विश्व के सभी देश मिलकर संसार को सुरक्षित बनाने के लिए सहयोग करें एवं भावी पीढ़ी को स्वच्छ व भयरहित समाज उपलब्ध कराने में ठोस पहल करें। इस भव्य समारोह में रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मॉरीशस के राष्ट्रपति श्री पृथ्वीराजसिंग रूपन को ‘महात्मा गाँधी अवार्ड फॉर वर्ल्ड यूनिटी’ से नवाजा जबकि मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने पेरू के सुपीरियर कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुश्री जोसेफा विसेंटा इज़गा पेलेग्रिन को ‘लखनऊ शहर की चाबी’ भेंटकर सम्मानित किया।
इससे पहले, आज अपरान्हः सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में विभिन्न देशों के राष्ट्रप्रमुखों व न्यायविद्दोंने विश्व के दो अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु सी.एम.एस. की इस ऐतिहासिक पहल की भरपूर सराहना की। विदित हो कि सिटी मान्टेसरी स्कूल द्वारा ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 23वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ 18 से 22 नवम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, न्यायमंत्री, संसद सदस्य, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश एवं विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुख समेत 57 देशों के 250 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् प्रतिभाग कर रहे हैं।