तृप्ति रावत/ दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार से 11 लोगों की मौत का रहस्य ओर भी उलझता जा रहा है। एक ओर जहां पुलिस ने परिवारजनों के दवाब के वजह से एफआईआर दर्ज की है। वहीं घर में मिली चिट्ठी तंत्र-मंत्र, जादू, टोना की ओर इशारा कर रही है। जांच में जुटी क्राइम ब्रांच का कहना है कि जादू-टोने के एंगल से भी इस मामले की जांच की जा रही है।
पड़ोसियों का कहना है कि ये परिवार धार्मिक विचारो वाला था और रात में सोने से पहले कीर्तन जरुर करता था। इतना ही नही ये भी पता चला है कि रोज सुबह दुकान में घर की बहू नए विचार जरुर लिखती थी। ये भी पता चला है कि परिवार वाले मोछ की चाहत रखते थे और उनके घरों में अजीबो-गरीब अनुष्ठान भी किए जाते थे। पुलिस के मुताबिक भाटिया परिवार के घर से मिले अहम सुराग से यही पता चल रहा है कि घर के परिवारों का अध्यातम की ओर ज्यादा झुकाव था।
परिवार तांत्रिक विद्या पर ज्यादा विश्वास करता था। इसलिए मोछ की प्राप्ति के लिए परिवार वालों ने अपनी इच्छा से मौत को गले लगाया है। हालांकि पुलिस की जांच अभी भी जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आना बाकी है। इसके बाद ही पता चल पाएगा कि मौत की असली वजह क्या थी।
दरअसल, मरने वाले सभी लोगों में नारायण देवी के छोटे बेटे ललित और पुत्रवधू टीना के हाथ खुले मिले हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ललित और टीना को छोड़कर सभी ने पहले ही नशीला पदार्थ खाया है। उनके अचेत होने के बाद ललित और टीना ने सभी के मुंह पर पहले कपड़े और टेप लपेटे और बाद में उन्हें फंदे से लटका दिया। आखिरी में पति और पत्नी ने भी फांसी लगा ली।
बता दें कि भाटिया परिवार में तीन बेटे और दो बेटियों में से अब सबसे बड़े बेटे दिनेश और बेटी सुजाता भाटिया जिंदा हैं। दिनेश परिवार के साथ राजस्थान के कोटा में रहता है, जबकि सुजाता अपने परिवार के साथ पानीपत रहती हैं। परिवार शनिवार की रात 11.30 बजे तक जगा हुआ था। यहां तक की पड़ोसियों ने कुछ सदस्यों को तो गली में घूमता भी देखा था। भुवनेश की दुकान भी रात 11.30 तक खुली हुई थी। वे ग्राहकों को पहले की तरह सामान बेच रहे थे। लिहाजा लोगों को किसी अनहोनी होने की आशंका का आभास तक नहीं हुआ। पुलिस को आशंका है कि खाना खाने के बाद देर रात दो से तीन बजे के बीच सारी घटनाएं घटी है।