नई दिल्ली, 24 जनवरी। कोलकाता स्थित इंटरनेशनल स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन(INSD) ने श्री जीन एजुकेशन सेन्टर के सहयोग से माँ दुर्गा को श्रंद्धाजली देते हुए 120 फ़ीट लम्बी कासु माला बना कर किया इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स अपने नाम। यह अब तक की सबसे लम्बी कासु माला है जिसने भारत में इतिहास तो रचा ही साथ ही इंडिया बुक बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में अपना नाम भी दर्ज किया। कासु माला की खूबसूरती को दिखने के लिए INSD ने दिन के उजाले में कासु माला को 5 मंजला ईमारत से कासु माला को दर्शया गया। कासु माला की खूबसूरती और चमकते हुए पथरो से कोलकाता केलोग मंत्रमुग्ध हो गए। कासु का अर्थ है कासु मतलब सिक्का। कासु माला को बनाने के लिए वोडेन प्लाई (4 mm की 7 और 19 mm की 1, 8 *4 के ब्लॉक्स पे) , कॉपर कोइन्स (200) , मेटल लुप (500) , गोल्डन कलर (3 ltr), सिल्वर कलर (2 ltr), ग्रीन स्टॉन्स (1800 ) , गिलास स्टॉन्स (2800) ,ब्रूचेस (200) , प्लास्टिक बॉल्स (400) , ब्रास डियस (400) रोप (150 फीट)।
• इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में दर्ज़ हुआ नाम
• 5 मंजला ईमारत से दर्शायी गयी कासु माला
• दिन के उजाले में झलकी कासु माला की खुबसूरती
कासु माला दक्षिण भारत के सबसे कीमती आभूषणों में से एक है। 120 लम्बी कासु माला बनाने का विचार दरअसल सह – संस्थापक नवीन सोनी और अमित डोकानिया का था , और इस विचार को पूरा करने में 2 महीने से अधिक समय लगा । कासु माला दक्षिण भारत की पुरानी परम्परोओं मे से एक है जहा आज भी दक्षिण भारत की महिलाये आज भी इस आभूषण का उपयोग करती है और दक्षिण भारत की महिलाये आज भी विवाह और शुभ अवसर पर कासु माला को अपने श्रीनगर में शामिल करती है।