नितिन उपाध्याय/रवि..क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्डस में आज ही के दिन 35 साल पहले 25 जून 1975 को भारतीय क्रिकेट टीम ने 33 रनों से दो बार की चैंपियन रही विंडीज टीम को हराकर इतिहास रच दिया था।आज का दिन भारत के क्रिकेट जगत में कभी ना भूला जाने वाला दिन है।साल 1983 के विश्व कप में भारतीय टीम ने उम्मीदों के विपरीत चौंकाने वाला प्रदर्शन कर अॉस्ट्रेलिया, इंग्लैड और विंडीज जैसी दिग्गज टीमों को हार का मुँह दिखाया था।
चैंपियन बनने की हैट्रिक का सपना किया चूर चूर
साल 1983 के विश्वकप के फाइनल मैच में भारत के सामने दो बार की चैंपियन टीम विंडीज थी जो इस बार जीतने पर विश्व चैंपियन की हैट्रिक लगाने का सपना देख रही थी लेकिन कपिल देव के अदभुत कैच ने रिचर्डस का विकेट लेकर पूरी विंडीज टीम को बिखरने पर मजबूर कर दिया।विंडीज ने भारतीय टीम को 183 रनों पर ढ़ेर कर दिया था जिसके जवाब में विंडीज की शुरूआत भी अच्छी नहीं रही थी।भारत के गेंदबाज बलविंदर सिंह संधू ने गॉर्डन ग्रिनीज को एक रन के निजी स्कोर पर बोल्ड कर भारत को अच्छी शुरूआत दिलायी थी।इसके बाद दिग्गज विवियन रिचर्ड का अदभुत कैच पकड़कर कपिल ने मैच का पासा ही बदल दिया था।आखिरकार विंडीज की टीम 140 रनों पर सिमट गयी और भारत 33 रनों से जीतकर विश्व कप विजेता बन गया।