उत्तर प्रदेश जनपद सीतापुर में संक्रामक रोग इस कदर हावी हो जो थमने का नाम नही ले रहा।स्वास्थ्य विभाग के कोरे दावे खोखले सावित हो रहे है जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोदलामाऊ क्षेत्र में हजारो की शंख्या में संक्रमित रोगियो को बुखार ने जकड़ रखा है संक्रमित रोगियो की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है वहाँ हालात बद से बदतर होते जा रहे है । लेकिन मरीजो के स्वास्थ्य में कोई सुधार नही हो रहा जिसमें संक्रमित रोगियो की मासूम बच्चो सहित केवल गोदलामऊ क्षेत्र में 22 लोगो की मौत हो चुकी है जबकि अन्य क्षेत्रो से जिले में सत्ताईस का आकड़ा पहुँच रहा है संक्रमित रोगियो को जनपद में कितनी मौते होगी यह तो भविष्य के गर्भ में है ।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जनपद सीतापुर के चाहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोदलामऊ हो या परसेंडी के ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण रोग थमने के बजाय अपना विकराल रूप धारण करता जा रहा है स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े दावों महज कोरी खाना पूर्ति दिख रही है लेकिन संक्रमित रोगियो के स्वास्थ्य में कोई सुधार नही हो रहा है जिससे अब तक 27 संक्रमित रोगियो को जॉन गवानी पड़ चुकी है गांवों में पसरा सन्नाटा बड़ा भयानक रूप धारण किये है बीमारी ने ग्रामीणों को मानसिक विक्षिप्त कर रखा है स्वास्थ्य विभाग की लापरवाह कार्यशैली के कारण संक्रमित रोगियो की संख्या कम होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है जो एक हजार के आसपास पहुंच गया है जिसमें 34 गाँव केवल गोदलामाऊ क्षेत्र संक्रामक रोग की चपेट में है रेउसा में संक्रामक रोग से दो मौत हुई है एक महोली में बुखार में मौत हुई है तथा दो परसेंडी में संक्रामक रोग की चपेट में आकर मौत का शिकार हो गये
बताते चलें कि यह संक्रामक रोग गोदलामाऊ क्षेत्र में पिछले 28 दिनों से फैला हुआ है स्वास्थ्य टीमे लगातार दवाओ को वितरण करना बता रहे है तो कैसे संक्रामक रोग पर नियंत्रण नही कर पा रहे है मौतों की सख्या में लगातार बढ़ोत्तरी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भरी कार्यशैली उजागर करती है ।
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोदलामाऊ से आई टीमो के द्वारा भी स्थिति में सुधार नही हुआ है ग्रामीणों का आरोप है की लगभग 20 दिन हुए जा रहे है खून की जाँच के लिये सैम्पल लिया गया था वह अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा हमे रिपोर्ट नही दे पाया है ।जबकि जनता द्वारा स्वास्थ्य केंद्र के घेराव मे बताया था कि खून की जाँच रिपोर्ट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोदलामाऊ मे है तो आज तक रोगियों को क्यों नहीं मिल पा रही है ।
जब अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसेंडी से जानकारी की तो बताया मेरे यहाँ की आशा बहुओं द्वारा गाव- गांव में दवा का छिड़काव कराया जा रहा है जहाँ संक्रामक रोग फ़ैल रहा है वहा पर स्वास्थ्य टीमें भेजी जा रही है तब क्यों नही संक्रामक रोग पर नियंत्रण कर पा रहे है । जब कि जरेली न्याय पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य टीमे आशा बहू के यहॉं आकर चली जाती है गाँव में रोगियो को नही देखती छिड़काव केवल प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य अपने यहाँ करवा लेते है संक्रामक रोग से दो मौत हो गयी है 22 लोग बुखार में वीमार है ।
वही पर डॉ. आर. के. नैय्यर मुख्य चिकत्सा अधिकारी सीतापुर ने बताया की प्राथमिक उपचार मे रोगी को पैरासिटामाँल टेबलेट ही दी जा सकती है खून की जांचोपरांत ही पूरा उपचार किया जा सकता है वही दूसरी तरफ मरीजो का आरोप है की 20 दिन हो गए है हमे खून की जाँच के लिए नमूना लिये फिर भी अभी तक रिपोर्ट ही नही दी गई है जिससे मुझे मुझे केवल पैरासिटामाँल टेबलेट ही दी जा रही है इलाज के नाम पर महज खानापूर्ति फिर भी स्वास्थ्य विभाग के बड़े बड़े दावों से क्या इलाज संभव है ।