ज़ेबा ख़ान/अकसर स्कूलों में नए-नए दिशा निर्देश जारी किए जाता हैं। स्कूल की यूनिफॉर्म को लेकर कि उन्हें कि दुकान से यूनिफॉर्म खरीदे और किस रंग का उनका ड्रेस है ये तो सब स्कूलों में देखने और सुनने को मिलता है। लेकिन पुणे के एक स्कूल ने तो तुगलकी फरमान ही सुना दिया है। जिसके चलते अभिभावकों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। दरअसल पुणे के एक प्राइवेट स्कूल द्वारा एक अजब दिशा-निर्देशों जारी किया है जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है।आपको बता दें ‘एमआईटी विश्वशांति गुरुकुल स्कूल’ ने छात्राओं को सफेद और स्किन कलर के इनरवियर पहनने का निर्देश दिया है।इतना ही नहीं नियम के समयानुसार ही दिए गए समय में ही वॉशरूम जाने की इजाजत है।
स्कूल में इंग्लिश में बात करना कॉमप्लसरी किया गया है।अगर ऐसा नहीं किया गया तो जैसे फुटबॉल मैच में जिस तरह ग्रीन कार्ड, येलो कार्ड और रेड कार्ड जारी किया जाएगा। दस कार्ड जारी होने के बाद छात्र को स्कूल से निकाल दिया जाएगा। इस स्कूल का नया सेशन15 जून से शुरू हुआ है। छात्रों को 2 जुलाई को डायरी दी गई है, जिसमें इन सभी निर्देश क जारी किया गया है। इस निर्देश के खिलाफ परिजनों की शिकायत पर स्कूल प्रबंधन के पर कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया जिसके बाद बड़ी संख्या में अभिभावक शिक्षा विभाग पहुंचे और जॉइंट डायरेक्टर से गुहार लगाई कि स्कूल के खिलाफ लैंगिक शोषण का मामला दर्ज कराया जाए और साथ ही तुरंत स्कूल के प्रिंसिपल और मैनेजमेंट को गिरफ्तार किया जाए।एक तरफ अभिभावकों ने जहां स्कूल के खिलाफ कदम उठाने की मांग की है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि यह दिशा-निर्देश छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जारी किए गए हैं।डॉरेक्टर ऑफ एजुकेशन दिनकर दीमकर ने पुणे नगर निगम (पीएमसी) को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
आज से पहले ऐसे दिशा-निर्देश किसी भी स्कूल की तरफ से शायद भी दिए गए हो। ये दिशा निर्देश वास्तव में अजीब और गरीब है किसी ने भी ऐसा सोचा भी नही होगा कोई स्कूल ऐसे रोल्स बना सकता है।