नैमिष शुक्ल।उत्तर प्रदेश जनपद सीतापुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोदलामाऊ क्षेत्र मैं संक्रामक रोग से मरने वालों की संख्या 50 का आंकड़ा पार कर चुकी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूर्णतयः नाकाम दिख रहा है लोगों का स्वास्थ्य विभाग से विश्वास उठ गया है ।
अगर ग्रामीणों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाली दवाओं से रोगियों की हालत सुधरने के बजाय बिगड़ती नजर आ रही है उनकी दवा लोगों को राहत नहीं पहुंचा पा रही इसलिए आज बबुरी खेड़ा में हुई 4 मौतों से नाराज ग्रामीणों ने मलेरिया की टीम को भगा दिया उनसे पहले मिली दवाओं से ग्रामीणों के अनुसार चार मौतें हो गयी । जिस से मौत का आंकड़ा 50 पार कर गया स्वास्थ्य विभाग के दावे खोखले दिख रहे हैं जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है वह सरकारी महकमे का इलाज कराने से भी कतराते लगे है ।
मलेरिया विभाग के जिला चिकित्साधिकारी स्वतंत्र मिश्रा का कहना है कि हमने 17 सितंबर को खून की जांच के नमूने लिए जिन लोगों को मलेरिया के लक्षण पाए गए उनकी रिपोर्ट 21 सितंबर को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को पेश की तथा उनका इलाज किया ।
प्रश्न यह उठता है कि जब संक्रामक रोगों से मरने वालों की संख्या 38 का आंकड़ा पार कर चुकी होती है उस समय मलेरिया विभाग जागता है तब उसका इलाज शुरू करता है ऐसा क्यों ? लेकिन इससे पहले जो खून की जाँच के लिए नमूने लिए गए थे वह रिपोर्ट कहाँ गुम हो गयी ? आज तक स्वास्थ्य विभाग का इलाज का असर क्यों नहीं हो रहा है मरीजों पर सबसे बड़ा प्रश्न है यही उठता है – – – ?