ज़ेबा ख़ान/ कश्मीर घाटी में राजपाल शासन लागू होने के बाद से सरकार ने घाटी के हालात सुधारने के लिए कई अहम फैसले किए हैं। जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार अब अलगाववादी नेताओं पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गई है जो आतंकियों को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग करने में कथित तौर पर शामिल है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में इस पर एक एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। एनआइए और ईडी मिलकर इस काम काे अंजाम देंगे।
घाटी में अलगाववादियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने अपनी नीति का विस्तार किया है। इसके लिए अब सरकार ने अपनी 4D नीति तैयार की है।4D नीति में चार D पर बल दिया गया है ।4D नीति में पहला D है डिफेंड यानि सुरक्षा बलों के कैम्प, सरकारी प्रतिष्ठानों की पुख्ता सुरक्षा इंतज़ाम करना।दूसरा D है डिस्ट्रॉय यानि सुरक्षा बल आतंकियों और उनके ठिकानों और गोला बारूद को बर्बाद करना।तीसरा D है डिफीट यानि सुरक्षा एजेंसियां अलगावादी विचारधारा को पनपने से रोकते हुए देशविरोधी ताक़तों को नेस्तनाबूद करने का काम करेंगी। चौथा D होगा डीनाई, यानि युवाओं को पत्थरबाज़ी और आतंकी गुट में शामिल होने से रोकना और इसके लिए सरकार बेरोज़गार युवाओं के लिए रोज़गार अभियान चलाएगी।