नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की शुरूआत की है। पीयूष गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटी जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह आय सहायता 2,000 रुपये प्रत्येक की तीन समान किस्तों में लाभान्वित किसानों के बैंक खातों में सीधे ही हस्तांतरित कर दी जाएगी। इस कार्यक्रम का वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम से लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लाभान्वित होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम 1 दिसंबर, 2018 से लागू किया जाएगा और 31 मार्च, 2019 तक की अवधि के लिए पहली किस्त का इसी वर्ष के दौरान भुगतान कर दिया जाएगा। इस कार्यक्रम पर 75,000 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय आयेगा। पीएम-किसान अधिकांश छोटे किसान परिवारों को न केवल निश्चित पूरक आय उपलब्ध कराएगा बल्कि विशेष रूप से फसल कटाई सीजन से पूर्व किसानों की आकस्मिक जरूरतों को भी पूरा करने में मदद करेगा। पीएम-किसान, किसानों के लिए एक सम्मानित जीवन अर्जित और जीने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन
मंत्री महोदय ने पशुपालन के संबंध में कहा कि मैंने इस वर्ष में ही राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये कर दिया है। मैं राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की स्थापना की घोषणा करता हूं। इससे गाय संसाधनों का सतत अनुवांशिक उन्नयन करने और गायों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी रूप से लागू करने की भी देखभाल करेगा।
मत्स्य पालन विभाग
मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के बारे में सतत ध्यान केंद्रित करने के लिए सरकार ने अलग से मत्स्य पालन विभाग का सृजन करने का निर्णय लिया है। श्री गोयल ने कहा कि पिछले बजट में हमारी सरकार ने पशुपालक और मत्स्य पालक किसानों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना (केसीसी) का विस्तार करने की घोषणा की थी। अब मैं किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्य पालन की गतिविधियां चला रहे किसानों के लिए 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ देने का प्रस्ताव करता हूं। इसके अलावा ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर उन्हें 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जाएगी।
फसल ऋण
प्राकृतिक आपदाएं आने पर किसान आमतौर पर अपने फसल ऋणों का भुगतान करने में असमर्थ हो जाते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में ऐसे प्रभावित किसानों के लिए फसल ऋणों का पुनः कार्यक्रम बनाया जा रहा है और किसानों को पुनः अनुसूचित ऋणों के पहले वर्ष के लिए ही दो प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ मिलेगा। हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित सभी किसानों को जहां सहायता राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से उपलब्ध कराई जा रही हो, 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा और उनके ऋणों की पुनः अनुसूचित पूरी अवधि के लिए 3 प्रतिशत तत्काल पुनः भुगतान प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।