जम्मू कश्मीर में पीडीपी बीजेपी की सरकार गिरने और राज्यपाल शासन लगने के बाद केन्द्र सरकार ने अपना अपना काम शुरु कर दिया है आज जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष औऱ अलगाववादी नेता यासीन मलिक को हिरासत में लिया गया। कश्मीर में लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) द्वारा बंद बुलाया गया था जिसका असर सुबह से ही इलाके की सभी दुकानें बंद हैं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. सेना ने भी बंद को देखते हुए पूरे जम्मू-कश्मीर में चौकसी बढ़ा दी है.हुर्रियत सम्मेलन के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी को घर में हिरासत में लिया गया है। अलगाववादियों ने पत्रकार शुजात बुखारी समेत नागरिकों की हत्या के खिलाफ बंद बुलाया था।
इसके साथ हुर्रियत के मिरवाइज उमर फारूक को भी गिरफ्तार किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आज सुबह श्रीनगर में अपने माईसुमा निवास से यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया था। उन्होंने कहा कि यासीन मलिक पुलिस स्टेशन कोथिबाग में रखा गया है। अधिकारी ने कहा कि मीरवाइज फारूक को उनके निगिन निवास में घर में ही गिरफ्तार किया गया।
ज्वाइंट रेसिस्टेंस लीडरशिप ने घाटी में लगातार आम नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ गुरुवार को पूर्ण बंद का आह्वान किया था। कल ही राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य की प्रशासनिक जिम्मेवारी संभाली थी और अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी।गवर्नर की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने राज्य में नये मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम व गवर्नर के सलाहकार के रूप में पूर्व आइपीएस के विजय कुमार को तैनात किया है। दोनों अफसर आंतरिक सुरक्षा के विशेषज्ञ हैं और नक्सलवाद से निबटने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में मोदी सरकार ने उन्हें राज्य में आतंकवाद व अलगाववाद से निबटने की जिम्मेवारी सौंपी है। उधर, सेना प्रमुख बिपिन रावत व जम्मू कश्मीर के डीजीपी भी आतंकवाद व अलगावाद से सख्ती से निबटने की बात कल कह चुके हैं।