गाज़ियाबाद में संजय नगर में सब्ज़ विक्रेताओं के आरोप हैं की स्थानीय पुलिस उनके तराजुओं को जबरन उनसे छीन कर ले जा रही है। ये वो सब्ज़ी वाले हैं जो कोरोना संबंधिंत प्रशासनिक आदेशों के अंतर्गत आने वाले सब्ज़ी-फल की समय सीमा के समाप्त होने के बाद भी क्षेत्र में अपनी ठेली लगा रहे थे।
एक ठेली वाले ने नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर बताया, “मैं शाम को ए ब्लॉक चौराहे पर ठेली लगा कर खड़ा था। तभी आधी कटी गाड़ी आयी और मुझे डांटने लगी। मैंने उन्हें बताया की साहब मैं घर की और ही जा रहा हूँ। इसके बावजूद उन्होंने मेरी ठेली से मेरा तराज़ू ज़बरदस्ती उठा कर अपनी गाडी में दाल लिया। मेरे बार बार माफ़ी मांगने पर भी उन्होंने मेरी एक न सुनी और मुझे डाँट कर भगा दिया।”
आधी कटी गाड़ी से ठेली वाले का पर्याय उस पी सी आर वाहन से है जो स्थानीय चौकी क्षेत्र की पुलिस उपयोग करती है। गाज़ियाबाद में कोरोना संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से फल-सब्ज़ी को बेचने का समय प्रातः 7 बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक का नियत किया गया है। और कर्फ्यू नियमों कारण दूध, फल, सब्ज़ी, दवा, परचून की दुकानों को ही तय समय के दौरान खोलने की इजाज़त दी गयी है।
एक ठेली वाले ने बताया की चूंकि उसका जीवन व्यापन रोज़ की सब्ज़ी बिक्री पर ही निर्भर है इसलिए उसे इन दोनों घर का खर्च चलाने में कठिनाई हो रही है और इसी कारण वह अब गाज़ियाबाद से पलायन कर वापस अपने गाँव जाने की सोच रहा है।
संजय नगर में ही फलों की ठेली लगाने वाले कल्लू ने बताया, “एक तो कमाई एक चौथाई हो गयी है और उसपे पुलिस वाले तराज़ू और बाट उठा कर ले गए।”
इससे पहले नमामि भारत पर हमने दिखाया था की कैसे स्थानीय पुलिस कोविड नियमों को बाज़ारों में लागू करवाने में विफल रही है। किन्तु ठेली वालों का तराज़ू छीन कर अवैधानिक तरीकों को अपनाने से पुलिस की छवि को ज़रूर धक्का लग सकता है।