उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में विपक्ष का रोल अदा करने वाली समाजवादी पार्टी ने 11 जिलों के अध्यक्षों को पदमुक्त कर दिया है। गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुध नगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर के जिला अध्यक्षों को अखिलेश यादव ने हटा दिया
पार्टी ने कितने सदस्य होने का किया है दावा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान 3,050 जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे। जिसमें एसपी (SP) के 747, बीजेपी (BJP) के 666, बीएसपी (BSP) के 322, कांग्रेस (Congress) के 77, आम आदमी पार्टी (AAP) के 64 और निर्दलीय 1,174 प्रत्याशी चुनाव जीते थे। इन चुनावी नतीजों के आते ही माहौल बन गया कि सूबे में बीजेपी की हालत पतली हो गई है। समाजवादी पार्टी ने शोर मचाना शुरू कर दिया कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी सत्ता से बाहर कर दी जाएगी
निर्विरोध चुने प्रत्यशियों में 16 भाजपा के, एक सपा का
राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी किए गए जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवारों की सूची में 17 जिले ऐसे हैं, जिसमें निर्विरोध उम्मीदवार जीते हैं। मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अमरोहा, मुरादाबाद, आगरा, इटावा, ललितपुर, झांसी, बांदा, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ और जौनपुर शामिल है। वहीं, इटावा में एक एसपी का प्रत्याशी निर्विरोध चुना गया है। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से बताया गया कि 164 नामांकन जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए हुए थे, जिसमें पांच नामांकन के पर्चे खारिज किए गए। अब 159 नामांकन सही पाए गए हैं। खारिज किए गए नामांकन पत्रों में गोरखपुर, मुजफ्फरनगर अमरोहा में एक-एक और बांदा में दो उम्मीदवार शामिल
बीजेपी के जीते उम्मीदवार
आगरा से मंजू भदौरिया, गाजियाबाद से ममता त्यागी, मुरादाबाद से डॉ. शेफाली, बुलंदशहर से डॉ. अंतुल तेवतिया, ललितपुर से कैलाश निरंजन, मऊ से मनोज राय, चित्रकूट से अशोक जाटव, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, श्रावस्ती से दद्दन मिश्र, गोरखपुर से साधना सिंह, बलरामपुर से आरती तिवारी, झांसी से पवन कुमार गौतम, गोंडा से घनश्याम मिश्रा।