जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज ट्वीट कर कहा कि वह नजरबंद हैं। इससे प्रशासन के “सामान्य स्थिति के फर्जी दावे” का पर्दाफाश हो गया है। महबूबा मुफ्ती त्राल के एक गांव में जाने वाली थी। इसी कारण उन्हें एक बार फिर उनके घर में बंद कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर घूमने आने वाले लोगो को कश्मीर की असली तस्वीर दिखाई जानी चाहिए। भारत सरकार अफगान लोगों के अधिकारों के लिए चिंता व्यक्त करती है लेकिन जानबूझकर कश्मीरियों को परेशान करती है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि श्रीनगर के राम मुंशीबाग थाने के एक पुलिस अधिकारी ने मुफ्ती के घर के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया है। कश्मीर वाला के अनुसार पुलिस कार्यालय ने मुफ्ती को रोकने के लिए गेट के सामने एक वाहन भी खड़ा कर दिया है।
मुफ्ती ने समाचार एजेंसी कश्मीर न्यूज ऑब्जर्वर से कहा, “मैं त्राल का दौरा करना चाहता था, जहां लोगों का आरोप है कि वहाँ सेना बल तबाही मचा रहे हैं। घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं और ग्रामीणों को बेरहमी से पीट रहे हैं। लेकिन मुझे वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसा लगता है कि सरकार के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है इसलिए उन्होंने मुझे नजरबंद कर दिया है। मुफ्ती ने यह भी दावा किया कि त्राल गांव की एक महिला को गंभीर चोटें आई थीं और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
मुफ्ती की नजरबंदी पर प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इससे पहले 7 सितंबर को भी मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया था। जब वह पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए श्रीनगर जा रही थी। मुफ्ती उस दिन कुलगाम में एक पारिवारिक समारोह में भी शामिल होने वाली थीं।
हालांकि, पुलिस ने मुफ्ती के नजरबंदी के दावों का खंडन किया था और कहा था कि सुरक्षा कारणों से उसे कुलगाम नहीं जाने के लिए कहा गया था।