आकाश रंजन : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को भवानीपुर उपचुनाव में 58,835 मतों से जीत हासिल की है। ममता बनर्जी को 85,263 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी तिबरेवाल को 26,428 वोट मिले। माकपा उम्मीदवार श्रीजीब बिस्वास को 4,201 वोट मिले। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस निर्वाचन क्षेत्र में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए, 2011 के विधानसभा चुनावों में स्थापित किया और अपने सभी वार्डों में जीत हासिल की। भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल को बनर्जी के 71.9 प्रतिशत की तुलना में 22.22 प्रतिशत वोट मिले। इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम से उनकी कड़वी हार के कुछ घावों को प्रचंड जीत ने ठीक कर दिया है।
इसके साथ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर और समसेरगंज निर्वाचन क्षेत्रों में भी जीत हासिल की। जहां मार्च-अप्रैल विधानसभा चुनावों के दौरान उम्मीदवारों की मौत के कारण चुनाव रद्द करना पड़ा था। विधानसभा में टीएमसी की संख्या अब 294 विधायकों के सदन में 215 की हो गयी है। तीनों सीटों पर 30 सितंबर को मतदान हुआ था।
अपने कालीघाट आवास के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, सीएम ने विशाल जनादेश के लिए भवानीपुर को धन्यवाद दिया। सीएम ने आगे कहा, नंदीग्राम से चुनाव हारने के बाद बंगाल के लोग आहत हुए जब मेरी पार्टी ने राज्य भर में जीत हासिल की। नंदीग्राम में मुझे हराने की साजिश थी। एक मामला नंदीग्राम परिणामों पर अदालत में लंबित है। लेकिन भबनीपुर के लोगों ने इस साजिश के खिलाफ मतदान किया और मुझे जिताया। बनर्जी ने यह भी बताया कि यह पहली बार है जब हम भवानीपुर में एक भी वार्ड से नहीं हारे हैं। लोगो ने शांतिपूर्ण माहौल में वोट डाला। उन्होंने मुझे लोगों के लिए और अधिक काम करने की प्रेरणा और नई ऊर्जा दी है। इस मौके पर पार्टी सदस्यों के साथ सीएम के भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे।
बनर्जी को 85,263 वोट मिले, तिबरेवाल को 26,428 और सीपीएम उम्मीदवार श्रीजीब बिस्वास को 4,226 वोट मिले कुल का 3.56% और अपनी जमानत खो दी। नंदीग्राम से पार्टी के पूर्व नेता सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ 1,956 मतों के मामूली अंतर से हारने के बाद, बनर्जी को नवंबर तक विधानसभा के लिए चुने जाना बेहद ज़रूरी था। मार्च-अप्रैल विधानसभा चुनावों में, टीएमसी के शोभंडेब चट्टोपाध्याय ने भबनीपुर से 28,719 वोटों 57.71 फीसदी वोट से जीत हासिल की थी। बाद में, उन्होंने बनर्जी को वहां से चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए सीट खाली कर दी थी। बीजेपी 35.16 फीसदी वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी, जबकि कांग्रेस 4.09 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी।
भाजपा के टिबरेवाल ने माना कि भवानीपुर में पार्टी का संगठन कमजोर हुआ है। लेकिन कहा कि धांधली के कारण टीएमसी जीती है। उन्होंने कहा, अगर लोगों को वोट देने दिया जाता तो नतीजा कुछ और होता। यहां तक कि मतदान के दिन मैंने भी फर्जी मतदाताओं को पकड़ लिया। कई बूथों पर मतदान में धांधली हुई और फर्जी वोट डाले गए। अन्य परिणामों में, जंगीपुर को राज्य के पूर्व मंत्री और टीएमसी उम्मीदवार जाकिर हुसैन ने 92,480 मतों के बड़े अंतर से जीता था। उन्हें बीजेपी के 43,964 वोटों की तुलना में 1.36 लाख वोट मिले। समसेरगंज में टीएमसी उम्मीदवार अमीरुल इस्लाम को 96,417 वोट मिले और 26,111 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। यहां कांग्रेस प्रत्याशी जैदुर रहमान 70,009 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे।
चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को बनर्जी की जीत पर राज्य भर में विजय मार्च और जुलूसों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। चुनाव के बाद किसी भी हिंसा को रोकने के लिए और टीएमसी समर्थक जश्न मनाने के लिए सड़कों पर न उतर आए इसी मद्देनज़र चुनाव आयोग ने ये फैसला किया है।