उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी में भाजपा नेताओं द्वारा कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की रौंदकर हत्या करने के खिलाफ किसानों से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को घटना स्थल पर जाने से रोक कर उन्हें नजरबंद करना लोकतंत्र की हत्या के समान है। उन्होंने कहा कि मोदी-योगी के अंहकार और अन्याय भरे कुशासन में अन्नदाताओं के साथ हो रहे अत्याचार हमें मंजूर नही और किसानों के अधिकारों की लड़ाई को हम दबने नही देंगे।
लखीमपुर खीरी में किसानों की कुचल कर हत्या करने के खिलाफ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार की अध्यक्षता में आज डीडीयू मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों में दिल्ली देहात गांव के लोग भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर मोदी-योगी सरकार इस्तीफा दो, इस्तीफा दो, हत्यारे भाजपा नेताओं को फांसी दो, किसानो की हत्यारी भाजपा सरकार, शर्म करो-शर्म करो आदि नारे लगा रहे थे।
प्रदर्शनकारियों में प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ, पूर्व सांसद रमेश कुमार, उदित राज और प्रदेश उपाध्यक्ष श्री जय किशन, अभिषेक दत्त, मुदित अग्रवाल, शिवानी चौपड़ा और अली मेंहदी, पूर्व मंत्री डा0 नरेन्द्र नाथ, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन, पूर्व विधायक चौ0 मतीन अहमद, राजेश लिलौठिया, हरी शंकर गुप्ता, अनिल भारद्वाज, विपिन शर्मा, भीष्म शर्मा, अमरीश गौतम, राजेश जैन, सुरेन्द्र कुमार, जिला अध्यक्ष मौहम्मद उस्मान, विरेन्द्र कसाना, दिनेश कुमार एडवोकेट, इन्द्रजीत सिंह, विष्णु अग्रवाल, गुरचरण सिंह राजू, राजेश चौहान, निगम पार्षद दर्शन जाटव, अमरलता सांगवान, परवेज आलम, पूर्व मेयर सतवीर सिंह, प्रदेश कांग्रेस सेवादल मुख्य संगठक सुनील कुमार, राहुल शर्मा, रमेश सब्बरवाल मुख्य रुप से मौजूद थे।
अनिल कुमार ने कहा कि–
पिछले 10 महीनों से देश भर में अधिकारों के हक की लड़ाई लड़ रहे अन्नदाता किसान पर भाजपा अब सीधा हमला करके उनकी हत्या कर रही है जिसका जीता जागता उदाहरण उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को भाजपा केन्द्रीय राज्यमंत्री के बेटे ने बेरहमी से उन पर गाड़ी चढ़ाकर कुचल दिया और इस अमानवीय नरसंहार पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह चुप है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की गुंडाराज योगी सरकार प्रत्यक्ष दोषियां को बेनकाब करने की बात कहकर किसानों की हत्या के मामले को दबाने की प्रतिक्रिया जता रही है और जिला अधिकारी साहित पुलिस मामले पर कार्यवाही करने में असहाय दिखाई दे रही है।
वहीं अनिल कुमार नेकहा कि केन्द्र सरकार तीन किसान विरोधी कृषि कानूनों को लागू करने के बाद किसान तो पहले ही मर चुका है, अब भाजपा ने किसानों पर प्रत्यक्ष प्रहार करके उन्हें पूरी तरह खत्म करने की कार्यवाही शुरु कर दी है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस किसानों के बलिदान को बेकार नही होने देगी। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नही है जब किसानों पर हमला हुआ है, कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों पर पिछले 10 महीनों में असंख्य बार भाजपा नेताओं अथवा भाजपा की सरकारों द्वारा किसानों को कुचला गया है और किसान आंदोलन में अभी सैंकड़ों किसान अपना बलिदान दे चुके है।
उन्होंने बताया कि लखीमपुर खीरी में किसान भाईयों की हत्या के विरोध में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कल 5 अक्टूबर को दिल्ली में सभी भाजपा के जिला कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर न्याय दिलाने की मांग करेंगे।
साथ ही उन्होंने कहा की निरंकुश मोदी सरकार के दौरान देश में लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है और किसी भी नागरिक को अपने अधिकारों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी नही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में खुले किसानों की नृशंस व बदले की भावना की भांति कुचल कर हत्या करने से साबित हो गया है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रशासनिक और न्यायायिक व्यवस्थाओं पर भाजपा मनुवादी सरकारों के अधिपत्य है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था भाजपाई सोच से प्रेरित है यूपी में कोई सुरक्षित नही है। उन्होंने कहा कि किसानों को कुचलने की रुपरेखा 26 सितम्बर को भाजपा मंत्री अजय मिश्रा ने तैयार कर ली थी जब संपूर्णानगर में धरने पर बैठे किसानों ने उनका विरोध किया था, तब भाजपा नेता ने किसानों को धमकी देकर कहा था कि ‘‘सुधर जाओ वरना सुधार देंगे’’। उन्होंने कहा कि भाजपा की निरंकुश प्रवृति कोई नई नही है।
अनिल कुमार ने कहा कि कृषि कानून के विरोध में धरनारत किसानों की हत्या पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा किसान आंदोलन को चुनाव आंदोलन बताना भाजपा के असली चेहरे को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से कृषि कानूनों का विरोध करता किसान जब कह रहा है कि तीनों कृषि कानून उनको नुकसान पहुॅचाने वाले हैं तब मोदी सरकार क्यों जबरन देशभर के किसानों पर कृषि कानूनां को थोप कर कुछ सीमित पूंजीपतियों को फायदा पहुॅचाने के लिए नीति बनाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के अधिकारो के हक की लड़ाई में उनके साथ खड़ी है और जब तक काले कृषि कानूनी वापस नही हो जाते किसानों के साथ रहेगी।