आकाश रंजन : यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई नरसंघार के एक दिन बाद, कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें एक जीप को किसानों के ऊपर दौड़ाते हुए देखा जा सकता है। कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को ट्विटर पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई नरसंघार की घटना का एक वीडियो पोस्ट किया जोकि वायरल हो रहा है। वीडियो में विरोध कर रहे किसानों के एक समूह को सड़क पर चलते हुए देखा जा सकता है तभी अचानक एक जीप पीछे से आकर किसानों को कुचल कर भाग जाती है। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे किसानो का नरसंघार किया जा रहा है। नरसंघार के बाद कम से कम आधा दर्जन व्यक्तियों को सड़क के किनारे बिखरे देखा जा सकता है।
इस नरसंघार में चार किसानों सहित आठ लोगों की जाने गयी है। मौजूद चश्मदीद लोगो ने सीधे तौर पर इस नरसंघार का आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर लगाया है। घटना के संबंध में आशीष मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि वह घटना के समय काफिले के किसी भी वाहन में मौजूद नहीं थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस घटना की जांच करेंगे। इसके अलावा, राज्य सरकार ने नरसंघार में मारे गए चार किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे के रूप में 45-45 लाख रुपये की घोषणा की।
इस बीच किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए यूपी के लखीमपुर खीरी में इंटरनेट बंद कर दिया गया है और धारा 144 लगा दी गई है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई विपक्षी नेताओं को लखीमपुर खीरी में मृतकों के परिजनों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
नरसंघार के पीछे कि कहानी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के हालिया भाषण को बताया जा रहा है। जिसमे अजय मिश्रा को साफ़ सुना जा सकता है, ये किसान नहीं है सुधर जाओ नहीं तो सुधार देंगे ,2 मिनट नहीं लगेगा लखीमपुर में घुसना मुश्किल हो जायेगा। इसी भाषण से नाराज़ किसानों ने रविवार 3 अक्टूबर को खीरी के तिकोनिया इलाके में विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन करते हुए अजय मिश्रा और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को आने से रोकने की कोशिश की। जिसके बाद किसानों ने दावा किया था कि मंत्री के काफिले की एक कार द्वारा किसानों को कुचलने के बाद ही हिंसा भड़की। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया है कि मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा ही कार चला रहा था।
घटना के बाद अजय मिश्रा ने एक साक्षात्कार में दावा किया, यह सही नहीं है कि फॉर्च्यूनर ने किसानों को कुचल दिया। सच्चाई यह है कि हमारे कार्यकर्ता माननीय उप मुख्यमंत्री को प्राप्त करने गए थे। सामने वाली थार एसयूवी पर लाठी और पत्थरों से हमला किया गया था। ड्राइवर हरिओम घायल हो गया या उस हमले में मर गया होगा। कार अपना संतुलन खो बैठी और पलट गई। इस तरह किसान कहे जाने वाले ये दो लोग घायल हुए होंगे।