आकाश रंजन : त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है कल से देश भर में नवरात्रे शुरू होने को है। लेकिन सरकार ने जनता का तेल निकालना बंद नहीं किया है। जैसे पेट्रोल डीज़ल की क़ीमत रोज़ बढ़ती है अब वैसे ही एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतें भी आये दिन बढ़ती जा रही है। पिछले महीने 1 सितम्बर को ही एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 25 रूपये का इजाफ़ा देखा गया था। और आज फिरसे सीधा 15 बढ़ा दिया गया है। इसके पीछे का गणित भारत सरकार के अलावा किसी को भी नहीं पता है। जनता को बुधवार से रसोई गैस के लिए ज्यादा खर्चा करना होगा। एलपीजी गैस की कीमत में फिर से 15 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इस साल रसोई गैस और ऑटो ईंधन में तेज बढ़ोतरी हुई है। दो महीने से भी कम समय में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में यह चौथी सीधी बढ़ोतरी है। इस साल 1 जनवरी से देखे तो घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में अभी तक कुल 205 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
ताजा बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में 14.5 किलो के सिलेंडर की कीमत 899.50 रुपये हो हो गयी है। मुंबई में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत भी आज से 899.50 रुपये हो गयी है। देश में सबसे महंगा एलपीजी सिलेंडर कोलकाता में हो गया है जिसके कीमत अब 926 रुपये हो गयी है। चेन्नई में 14.5 किलो रसोई गैस की कीमत 915.50 रुपये हो गयी है। सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने घोषणा की कि ये कीमतें 6 अक्टूबर से लागु होंगी।
कैसे तय होते है रेट ?
एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत का गणित आयात समता मूल्य (आईपीपी) के आधार पर की जाती है। आईपीपी अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमत पर आधारित है। यह देखते हुए कि कोई देश ईंधन का आयात करता है। सऊदी अरामको के एलपीजी मूल्य में एफओबी (बोर्ड पर मुफ्त) मूल्य, समुद्री भाड़ा, बीमा शुल्क, बंदरगाह बकाया आदि शामिल होते है। फिर कीमत को रुपये में बदला जाता है। इसके बाद फिर भारत सरकार की जीएसटी की मार पड़ती है, फिर उत्पाद शुल्क लगता है, अंत में माल ढुलाई शुल्क भी लेती है सरकार हैं। इसी आधार पर भारत में घरेलू रसोई गैस की कीमत हर महीने तय की जाती है। जैसे पेट्रोल और डीजल एक राज्य से दूसरे राज्य में बदलती है ठीक वैसे ही एलपीजी सिलेंडर की कीमतें एक राज्य से दूसरे राज्य में बदलती है।
केंद्र सरकार कुछ राज्यों के ग्राहकों को भारी माल ढुलाई शुल्क का सामना करने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। इस योजना के तहत, प्रत्येक परिवार को एक वर्ष में 12 सिलेंडर मिलते हैं और यह सब्सिडी राशि हर महीने बदलती रहती है। 10 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवार सब्सिडी सुविधा के लिए पात्र हैं। सब्सिडी पाने के लिए ग्राहकों को अपने बैंक खातों को अपने आधार कार्ड से लिंक करना होता है। सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की राशि हर महीने अलग-अलग होती है। लेकिन यह काफी हद तक 30 रुपये से कम है। दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए घरेलू सिलेंडर पर कोई सब्सिडी नहीं है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय उस सीमा का मूल्यांकन कर रहा है जिस पर एलपीजी या रसोई गैस पर सब्सिडी बहाल की जाएगी। मार्च 2022 तक भारत में 30 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता होंगे।