आकाश रंजन : श्रीनगर की सबसे प्रसिद्ध फार्मेसी के मालिक एक प्रमुख कश्मीरी पंडित माखन लाल बिंदरू की मंगलवार शाम लगभग 7 बजे हत्या कर दी गई। हत्या उस समय की गयी जब वह दवा बांट रहे थे। उनके दुकान में ज़बरन घुस कर उनकी हत्या की गई। हत्या का ज़िम्मेद्दार चरमपंथीओ को बताया जा रहा है। घाटी में पिछले डेढ़ घंटो में 3 आतंकी हमले हो चुके है। माखन लाल बिंदरू वही कश्मीरी पंडित है जिन्होंने 1990 में घाटी हुए अत्याचार के बावजूद अपनी घर अपनी ज़मीन को नहीं छोड़ा था। इसके साथ वीरेंद्र पासवान और मोहम्मद शफी के रूप में पहचाने गए दो अन्य लोगों की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। पासवान जहां गोलगप्पे और भेलपुरी बेचकर अपनी रोजी रोटी कमाने वाला बिहार का रहने वाला था, वहीं शफी कैब ड्राइवर था।
हत्या के बाद माखन लाल बिंदरू की बेटी मीडिया से मुखातिब हुई और जो कहा वो हम सब के रोंगटे खड़े कर देता है। उनकी बेटी ने कहा, मैं एक एसोसिएट प्रोफेसर हूं, मैंने जीरो लेवल से शुरुआत की है। मेरे पिता ने साइकिल से शुरुआत की थी। मेरा भाई एक प्रसिद्ध रोग विशेषज्ञ है। मेरी मां दुकान में बैठती है। आज हम जो कुछ भी है सिर्फ़ और सिर्फ लाल माखन लाल बिंदरू के बदौलत है उन्होंने ने ही हमें बनाया है। कश्मीरी पंडित कभी मरता नहीं सिर्फ शरीर बदलता है। वो हमारे शरीर को मार सकते है लेकिन हमारे ज़ज्बे को नहीं मार सकते हैं। एक हिंदू होने के नाते मैंने कुरान भी पढ़ा है। और कुरान कहता है ये जो शारिर है सिर्फ एक चोला है वो बदल जाएगा लेकिन व्यक्ति की आत्मा कभी नहीं बदलती है। माखन लाल बिंदरू जोश में हमेशा जिंदा रहेंगे। उनकी बेटी अपने पिता के समर्थन में सामने आई और मीडिया को संबोधित करते हुए निडर और भावुक होकर बोली।
यह घटना श्रीनगर के इकबाल पार्क के पास हुई जहां आतंकवादियों ने बिंदरू मेडिकेट के मालिक माखन लाल बिंदरू पर गोलियां चलाईं। वह अपनी दुकान पर थे जब उन्हें कथित तौर पर नजदीक से गोली मारी गई। इसके बाद माखन लाल को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
उन्होंने अपने पिता को गोली मारने वाले आतंकवादी को चुनौती देते हुए कहा, जिन्होंने मेरे पिता को काम करते समय गोली मार है, अगर आप में हिम्मत है तो सामने आओ और हमारे साथ आमने-सामने बहस करो। फिर हम देखेंगे कि आप क्या हैं। माखन लाल की बेटी ने यह भी कहा कि आतंकवादी केवल पीछे से हमला कर सकते हैं, पत्थर फेंक सकते हैं और पीछे से गोली मार सकते हैं।
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए, उमर अब्दुल्ला ने कल 5 अक्टूबर ट्वीट किया था, क्या भयानक खबर है वह बहुत दयालु व्यक्ति थे। मुझे बताया गया है कि उन्होंने उग्रवाद की ऊंचाई के दौरान कभी नहीं छोड़ा और अपनी दुकान हमेशा खुली रखी। मैं इसकी निंदा करता हूं। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
एक ही दिन अलग-अलग घटनाओं में दो और नागरिकों की मौत हो गई। बांदीपोरा के शाहगुंड इलाके में आतंकियों ने मोहम्मद शफी लोन नाम के शख्स पर फायरिंग की। पुलिस ने बताया कि लोन नायदखाई का रहने वाला था। मूल रूप से बिहार के रहने वाले वीरेंद्र पासवान को भी श्रीनगर में आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार 6 अक्टूबर को कहा कि कश्मीर में नागरिकों की हालिया हत्याएं घाटी में सामान्य स्थिति के केंद्र के फर्जी दावों को साबित करता हैं।