नई दिल्ली :अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बार फिर वैश्विक आतंकवाद पर अपना कड़ा रुख जाहिर करते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अब भी हाफिज सईद कैसे खुलेआम घूम रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के मामले में पाकिस्तान का हाथ होना स्वीकार किया था।
मुंबई हमले के मामले में हाफिज सईद मुख्य आरोपी है. हालांकि पाकिस्तान की कोर्ट और प्रशासन ने अब तक उसके खिलाफ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की है. तकरीबन 10 साल बाद भी वह पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है. इतना ही नहीं पाकिस्तान में हाफिज सईद अपनी पार्टी बनाना चाहता है.इसके बाद से इस मामले में नया तूफान उठ खड़ा हुआ है. इस मामले में जब अमेरिका में जब अमेरिकी गृह विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘ये हमारे लिए एक चिंता की बात है कि हाफिज सईद जैसा आतंकी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है. हमने उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके ऊपर इनाम भी रखा है.’
अमेरिकी गृह विभाग की प्रवक्ता ने भारत और अमेरिका के संबंधों पर कहा, अमेरिका के मोदी सरकार से बहुत गहरे संबंध हैं. इसके साथ ही भारत और अमेरिकी लोगों के आपसी संबंध भी ठीक ऐसे ही हैं.
अमेरिका के वित्त विभाग ने हिजबुल्ला नेतृत्व के साथ कई लोगों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका ने इन प्रतिबंधों को ईरान द्वारा समर्थित आतंकवादी समूह का खात्मा कहा है. अमेरिकी वित्त विभाग ने जारी बयान में कहा कि उसने खाड़ी देशों के सहयोग से हिजबुल्ला के महासचिव सैयद हसन नसरूल्लाह, इसके उपमहासचिव नईम कासिम और चार अन्य लोगों पर प्रतिबंध लगाया है.
इसके साथ ही टेररिस्ट फाइनेंसिंग टारगेटिंग सेंटर (टीएफटीसी) के छह सदस्यों देशों ने भी हिजबुल्ला पर प्रतिबंध लगाए हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अमेरिकी वित्त मंत्री सचिव स्टीवन नुचिन के हवाले से बताया कि यह प्रतिबंध क्षेत्र में ईरान और हिजबुल्ला के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से लगाया गया है. इन प्रतिबंधों के बाद अमेरिकी न्यायिक क्षेत्र में इन संगठनों तथा व्यक्तियों की संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा तथा अमेरिकी व्यक्तियों के इन लोगों से लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ऐतिहासिक ईरानी परमाणु समझौते को तोड़ने की घोषणा करने के बाद वाशिंगटन ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए हैं. इसके अलावा टीएफटीसी के अन्य छह सदस्य देशों सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भी हिजबुल्ला के सहयोगी व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं.