लखनऊ, 11 नवम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 22वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ आगामी 19 से 22 नवम्बर तक ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। सी.एम.एस. के 55,000 छात्रों की विश्व एकता, विश्व शान्ति व विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर व सुरक्षित भविष्य की अपील पर विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, न्यायमंत्री, संसद सदस्य एवं विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुख समेत 49 देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी भागीदारी निभायेंगे एवं प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था के साथ ही एकता, शान्ति व सौहार्द से ओतप्रोत विश्व व्यवस्था की स्थापना पर गहन चर्चा-परिचर्चा करेंगे।
सिटी मोन्टेसरी स्कूल विश्व के एक ऐसा अकेला व असाधारण विद्यालय है जिसने पूरे विश्व के बच्चों व आने वाली पीढ़ियों के सुन्दर व सुरक्षित भविष्य की चुनौती को स्वीकार किया है और विगत 21 वर्षों से प्रतिवर्ष विश्व के न्यायविद् के ऐतिहासिक सम्मेलन के माध्यम से पूरे विश्व में एकता, शान्ति, न्याय व बच्चों के अधिकारों की अलख जगा रहा है एवं इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 22वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन के माध्यम से सी.एम.एस. ने न सिर्फ बच्चों के अधिकारों की आवाज उठाई है अपितु किशोर व युवा पीढ़ी में मन-मस्तिष्क में वैश्विक समस्याओं के समाधान के प्रति भी जागरूक किया है, जो कि शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रान्तिकारी उपलब्धि है।
इसी संदर्भ में आज सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) ऑडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के संयोजक, प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि विश्व में शान्ति, स्थिरता व एकता के लिए वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली न्यायिक व्यवस्था अपरिहार्य है, तभी विश्व में एकता, शान्ति व सौहार्द की स्थापना संभव हो पायेगी और विश्व के बच्चों व आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित होगा। डा. गाँधी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि लखनऊवासियों के लिए यह गर्व व प्रसन्नता का विषय है कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन में 49 देशों की प्रख्यात न्यायिक व राजनीतिक हस्तियाँ अपनी ऑनलाइन गरिमामय उपस्थिति से लखनऊ का गौरव अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर बढ़ाने पर जा रही हैं। सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि ये सम्मेलन इस मायने में भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि देश की शिक्षा नीति में सस्टेनबल डेवलपमेन्ट एवं वर्ल्ड सिटीजन एजूकेशन को शामिल किया गया है। ऐसे में यह सम्मेलन भावी पीढ़ी की सोच को विकसित करने व वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा। सम्मेलन के जनरल-सेक्रेटरी श्री आर.सी. गुप्ता ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से पिछले सालों में विश्व प्रसिद्ध हस्तियों ने लखनऊ को अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर प्रतिष्ठित किया है। इस वर्ष भी देश-दुनिया की नामचीन हस्तियाँ अपनी गरिमामय उपस्थिति से वश्विक समस्याओं के प्रति जनमानस का जागरूक करेंगी।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में जिन देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् ऑनलाइन प्रतिभाग कर रहे हैं, उनमें अल्जीरिया, अर्जेन्टीना, आस्ट्रेलिया, अजरबैजान, बोस्निया एण्ड हर्जेगोविना, ब्राजील, बुरूण्डी, केप वर्डे, कैमरून, कोमोरोस, कोस्टारिका, क्रोएशिया, इक्वाडोर, इजिप्ट, इश्वातिनी, फिजी आइसलैण्ड, जर्मनी, घाना, गुयाना, हैती, इटली, जापान, किर्गिज रिपब्लिक, लेसोथो, माल्टा, मैक्सिको, मॉरीशियाना, मोरक्को, म्यांमार, नेपाल, नीदरलैण्ड, पेरू, फिलीपीन्स, रोमानिया, रूस, स्लोवेनिया, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, श्रीलंका, सूरीनाम, स्विटजरलैण्ड, थाईलैण्ड, त्रिनिदाद एण्ड टोबैगो, तुवालू, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, यू.एस.ए., युगाण्डा एवं भारत प्रमुख हैं।