टीवी न्यूज़ को सुप्रीम कोर्ट की फटकार कहा: टीवी बहस ज़्यदा प्रदुषण फैला रहे

दिल्ली में पाँच/सात सितारा होटलों में बैठे लोग आलोचना करते हैं कि किसान प्रदूषण में 30 से 40 प्रतिशत का योगदान करते हैं। क्या आप उनकी (किसानों की) प्रति जोत की कमाई जानते है? और हम इस बात की अनदेखी कैसे कर सकते हैं कि प्रतिबंध के बावजूद दिवाली में पटाखे जले ?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि टेलीविजन चैनलों पर बहस किसी और की तुलना में ज़्यादा प्रदूषण फैला रही है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हर किसी का अपना एजेंडा होता है। और इस तरह की बहस के दौरान बयानों को संदर्भ से बाहर कर दिया जाता है। अदालत ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण संकट के संबंध में केंद्र और राज्य/शहर सरकारों की दलीलों पर सुनवाई करते हुए यह बयान दिया।

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता में अदालत ने पराली जलाने के लिए किसानों को दोष देने वालों पर प्रहार किया। जो लोग किसानों को दोष दे रहे है वो दीवाली में पटाखे पर प्रतिबंध के बावजूद पटाखे फोड़ने वालो पर अनदेखी कैसे कर सकते हैं। 

अदालत ने आगे कहा कि उसने जो देखा वह किसानों की दुर्दशा थी। “दिल्ली में पाँच/सात सितारा होटलों में बैठे लोग आलोचना करते हैं कि किसान प्रदूषण में 30 से 40 प्रतिशत का योगदान करते हैं। क्या आप उनकी (किसानों की) प्रति जोत की कमाई जानते है? और हम इस बात की अनदेखी कैसे कर सकते हैं कि प्रतिबंध के बावजूद दिवाली में पटाखे जले ?

अदालत की यह टिप्पणी दिल्ली सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के कहने के बाद आई है कि नवंबर में पराली जलाने के आंकड़े बहुत अधिक होंगे और इसे नजरअंदाज किया जाना चाहिए। इस बीच, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एनसीआर में सभी सरकारों ने 21 नवंबर तक निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।

News Reporter
Akash has studied journalism and completed his master's in media business management from Makhanlal Chaturvedi National University of journalism and communication. Akash's objective is to volunteer himself for any kind of assignment /project where he can acquire skill and experience while working in a team environment thereby continuously growing and contributing to the main objective of him and the organization. When he's not working he's busy reading watching and understanding non-fictional life in this fictional world.
error: Content is protected !!