*दिल्ली सरकार ने सड़क सुरक्षा पर काम करने के लिए सेव लाइफ फाउंडेशन के साथ किया समझौता*
*राजघाट चौराहे पर सड़क सुरक्षा के लिए, विशेष रूप से पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों के लिए त्वरित सुरक्षा उपायों को लागू किया जाएगा-श्री कैलाश गहलोत*
*दिल्ली सरकार सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध- श्री कैलाश गहलोत*
*इन अर्बन टैक्टिकल ट्रायल्स के ज़रिये हमारा लक्ष्य शहर भर में सुरक्षित सड़कों और जंक्शनों का एक व्यापक नेटवर्क विकसित करना है-श्री कैलाश गहलोत*
दिल्ली के परिवहन मंत्री श्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली में सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए राजघाट पर टैक्टिकल अर्बनिज्म ट्रायल का उद्घाटन किया। दिल्ली की सड़कों पर लोगों की जान बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने सड़क सुरक्षा पर काम करने के लिए सेवलाइफ फाउंडेशन के साथ गठजोड़ किया है। ये परीक्षण, जिसमें दिल्ली यातायात पुलिस, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और स्वयं चैरिटेबल ट्रस्ट महत्वपूर्ण हितधारकों के रूप में शामिल हैं, 2 महीने की अवधि के लिए आयोजित किए जाएंगे। टैक्टिकल अर्बनिज्म (टीयू) परीक्षण अस्थायी, त्वरित और अपेक्षाकृत कम लागत वाले हस्तक्षेप हैं, जो सभी सड़क उपयोगकर्ताओं, विशेष रूप से पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों और अन्य गैर- मोटर चालित परिवहन उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने मे सहायक हैं।
दिल्ली परिवहन विभाग के साथ जीरो फैटलिटी कॉरिडोर (जेडएफसी) परियोजना के तहत, सेवलाइफ फाउंडेशन इस सप्ताह से पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के सुरक्षा में सुधार के लिए अस्थायी ‘अर्बन डिजाइन इंटरवेंशंस’ का परीक्षण करेगा। परीक्षण में सड़क की जगह को पुनर्वितरित किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मोडल इक्विटी, रोड जियोमेट्स आदि में संशोधन हो सके। इसके तहत यातायात को चैनलाइज़ भी किया जायेगा , इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा की वाहनों की गति तय सिमा में रहे साथ ही पैदल यात्री और साइकिल चालकों की सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचे में बदलाव किया जायेगा।
दिल्ली परिवहन विभाग ने इससे पहले दिल्ली के 13 चौराहों पर हादसों को कम करने के लिए एमओयू साइन किया था। दो साल पहले, भलस्वा चौक पर भी इसी तरह का शहरीकरण परीक्षण किया गया था, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले और दुर्घटना में होने वाली मौतों में कमी आई। इन परीक्षणों के माध्यम से, दिल्ली सरकार का लक्ष्य सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना है । परीक्षणों के मूल्यांकन और उसके प्रभाव के विश्लेषण के बाद, सेवलाइफ फाउंडेशन स्थायी सुधार के लिए सक्षम विभाग को सिफारिशें प्रस्तावित करेगा। दिल्ली में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार, सेवलाइफ फाउंडेशन के अलावा WRI, BIGRS, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT)-दिल्ली, इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) जैसे संगठनों और अन्य विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ भी मिल कर काम कर रही है।
परीक्षणों का उद्घाटन करते हुए, माननीय परिवहन मंत्री, श्री कैलाश गहलोत ने कहा, “दिल्ली की सड़कें सभी के लिए हैं। दिल्ली सरकार सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने 2018 में दिल्ली रोड सेफ्टी पॉलिसी लॉन्च की थी। इन अर्बन टैक्टिकल ट्रायल्स के ज़रिये हमारा लक्ष्य शहर भर में सुरक्षित सड़कों और जंक्शनों का एक व्यापक नेटवर्क विकसित करना है।”
दिल्ली के परिवहन आयुक्त श्री आशीष कुंद्रा ने इस मौके पर कहा, “इन परीक्षणों का उद्देश्य सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा तत्वों को सम्मिलित करना है। 2016 से, राजघाट चौराहे और राजघाट बस डिपो में सामूहिक रूप से 47 दुर्घटनाएँ, 13 मौतें और 51 घायल हुए हैं। इन परीक्षणों का उद्देश्य समावेशी, सस्ते और त्वरित तरीके से चौराहे को सभी के लिए सुरक्षित बनाना है। “
इस मौके पर सेवलाइफ फाउंडेशन के सीईओ श्री पीयूष तिवारी ने कहा, “हमारा जीरो-फेटलिटी कॉरिडोर मॉडल जीवन बचाने के लिए सबसे अच्छा समाधान निर्धारित करने के लिए व्यापक रूप से साक्ष्य का उपयोग करता है। राजघाट पर, हमने जंक्शन को फिर से डिजाइन करने के लिए 6-सूत्रीय हस्तक्षेप रणनीति का पालन किया है। सभी एलिमेंट्स या तो गति को कम करने या वाहनों के टक्कर को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इन हस्तक्षेपों के माध्यम से हमने पैदल चलने वालों की जोखिम दूरी को लगभग 50% और पैदल चलने वालों के जोखिम समय को 30% तक कम करने में कामयाबी हासिल की है।”
दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षित सड़क बनाने और सड़क के किनारे दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए अभूतपूर्व कार्य किए हैं। केजरीवाल सरकार ‘फरिश्ते दिल्ली के’ जैसी योजनाएं चला रही है जिससे शहर में दुर्घटना पीड़ितों का समय पर इलाज सुनिश्चित हुआ है। योजना के तहत सडक़ दुर्घटना के शिकार लोगों को स्वर्णिम समय में अस्पताल पहुंचाने वाले गुड सेमेरिटन को 2000 रुपए नकद इनाम और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। राजघाट के अलावा 11 अन्य चौराहों- मुकुंदपुर चौक, निरंकारी कॉलोनी/गोपालपुर रेड लाइट, आजादपुर चौक, मजनू का टीला, बुराड़ी चौक, सरिता विहार मेट्रो स्टेशन, नेहरू प्लेस, खेल गांव, गांधी विहार बस स्टैंड और आईएसबीटी कश्मीरी गेट पर इसी तरह का परीक्षण किया जा रहा है।