*कोरोना की संभावित लहर से निपटने के लिए एक्शन में सीएम अरविंद केजरीवाल, हर परिस्थिति से निपटने के लिए सरकार तैयार*
*- 30 हजार ऑक्सीजन बेड में से 10 हजार आईसीयू बेड हैं, फरवरी तक और 6800 आईसीयू बेड तैयार हो जाएंगे – अरविंद केजरीवाल*
*- हम इस तरह की व्यवस्था कर रहे हैं कि जरूरत पड़ने पर दो हफ्ते की नोटिस पर दिल्ली के हर वार्ड में 100-100 ऑक्सीजन बेड तैयार कर पाएंगे- अरविंद केजरीवाल*
*- 32 किस्म की दवाइयों को दो महीने का बफर स्टॉक ऑर्डर दिया जा चुका है, ताकि दवाइयों की कमी न पड़े- अरविंद केजरीवाल*
*- हमने 442 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भंडारण की अतिरिक्त क्षमता बना ली है और 121 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भी बननी चालू हो गई है- अरविंद केजरीवाल*
*- ऑक्सीजन के प्रबंधन के लिए सभी टैंक में टेलीमेट्री डिवाइस लगाने के निर्देश, ताकि रियल टाइम पर उपलब्ध ऑक्सीजन की जानकारी मिलती रहे- अरविंद केजरीवाल*
*- दिल्ली सरकार ने दो बॉटलिंग प्लांट्स लगाया है, अब दिल्ली में प्रतिदिन 2900 सिलेंडर भरे जा सकेंगे- अरविंद केजरीवाल*
*- दिल्ली में 93 फीसद लोग वैक्सीन की पहली डोज और 57 फीसद लोग दूसरी डोज लगवा चुके हैं- अरविंद केजरीवाल*
*- सभी से अपील, जिन लोगों ने अभी दूसरी डोज नहीं लगवाई है, वे आगे आकर दूसरी डोज जल्द लगवा लें- अरविंद केजरीवाल*
*- कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक*
केजरीवाल सरकार कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने के लिए एक्शन में है और इसके खतरे को देखते हुए अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में जुट गई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार ने 30 हजार बेड तैयार कर लिया है, जिसमें 10 हजार आईसीयू बेड शामिल हैं। साथ ही, फरवरी तक और 6800 आईसीयू बेड हो तैयार जाएंगे। वहीं, हम ऐसी व्यवस्था बना रहे कि जरूरत पड़ने पर दो हफ्ते की नोटिस पर दिल्ली के हर वार्ड में 100-100 ऑक्सीजन बेड तैयार कर पाएंगे। इस तरह हमारी तैयारी 64 से 65 हजार बेड तैयार करने की है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि ऑक्सीजन प्रबंधन के लिए सभी टैंक में टेलीमेट्री डिवाइस लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि रियल टाइम पर उपलब्ध ऑक्सीजन की जानकारी मिलती रहे। दिल्ली में अब तक 93 फीसद लोग वैक्सीन की पहली डोज और 57 फीसद लोग दूसरी डोज लगवा चुके हैं। सभी से अपील है कि जिन लोगों ने अभी दूसरी डोज नहीं लगवाई है, वे आगे आकर दूसरी डोज जल्द लगवा लें।
*संबंधित विभागों के साथ बैठक कर नए वेरिएंट ओमिक्रोन से निपटने के लिए तैयारियों का जायजा लिया- अरविंद केजरीवाल*
दिल्ली सरकार कोरोना की संभावित नए वैरिएंट को लेकर बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं कोरोना के नए वैरिएंट से दिल्ली वासियों को सुरक्षित रखने को लेकर की जा रही तैयारियों पर नजर बनाए हुए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से कोरोना की वर्तमान स्थिति, टेस्टिंग और रोकथाम के उपाय, कोविड-19 बेड में वृद्धि, कोविड प्रबंधन के लिए लोगों की ट्रेनिंग, कोविड-19 के लिए दवाओं की खरीद, होम आइसोलेशन व 1031 हेल्पलाइन, ऑक्सीजन, वैक्सीनेशन, जीनोम सिक्वेंसिंग, आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरने वाले यात्रियों की जांच की तैयारी समेत सभी बिंदुओं की बारीकी से समीक्षा की। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत, मुख्य सचिव और सभी जिलाधिकारियों समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कोरोना के ऑमिक्रोन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए आज सभी विभागों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायज़ा लिया। आईसीयू बेड्स से लेकर ऑक्सीजन और दवाईयों से लेकर वैक्सीनेशन तक युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रहे हैं। आप सभी कोरोना से बचकर रहें, अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें।’’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि ओमिक्रोन वायरस ने दुनिया भर में सबकी चिंता बहुत ज्यादा बढ़ा दी है। भगवान करें कि ओमिक्रोन वायरस भारत में न आए। अगर दिल्ली में ओमिक्रेान वायरस आता है, तो एक जिम्मेदार सरकार होने के नाते हमारा फर्ज है कि उससे निपटने के लिए हम अपनी सारी तैयारियां पूरी कर लें। आज मैंने सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक की और नए वेरिएंट ओमिक्रोन से निपटने के लिए तैयारियों का जायजा लिया। हमारे पास कितने बेड हैं, टेस्टिंग की कितनी जरूरत है, ऑक्सीजन की कितनी जरूरत पड़ सकती है, वैक्सीनेशन का क्या स्टेटस है, कितने आईसीयू बेड की जरूरत पड़ सकती है, मैन पावर की कितनी जरूरत पड़ सकती है, इन सारी चीजों का बैठक में जायजा लिया।
*दिल्ली सरकार की तैयारी 64 से 65 हजार बेड्स तैयार करने की है, इसके लिए मैन पावर को भी ट्रेनिंग दी जा रही है- अरविंद केजरीवाल*
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बेड की जानकारी देते हुए कहा कि पिछली बार जब कोरोना आया था, तब उस समय हम लोगों ने लगभग 25 हजार के करीब बेड्स बढ़ाए थे। अभी हम लोग 30 हजार ऑक्सीजन बेड तैयार कर लिए हैं। जिसमें से लगभग 10 हजार आईसीयू बेड हैं। इसके अलावा 6800 आईसीयू बेड अभी बनाए जा रहे हैं। यह आईसीयू बेड फरवरी तक तैयार हो जाएंगे। इस तरह कुछ समय में 17 हजार आईसीयू बेड बन कर तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा, हमने इस तरह से इंतजाम किया है कि हम दो सप्ताह के नोटिस पर हर म्युनिसिपल वार्ड में 100-100 ऑक्सीजन बेड्स तैयार कर पाएंगे। इस तरह दिल्ली के 270 वार्डों में 27 हजार ऑक्सीजन बेड्स दो हफ्ते की शॉर्ट नोटिस पर हम और तैयार कर पाएंगे। यह सारे बेड मिलाकर 63800 बेड हो जाएंगे। इस तरह लगभग 64 से 65 हजार बेड तैयार करने की हमारी तैयारी है। इसके लिए जितनी भी मैन पावर (मानव शक्ति) की जरूरत पड़ेगी, उसकी भी ट्रेनिंग करवाई जा रही है।
*दिल्ली में पहले ऑक्सीजन नहीं बनती थी, लेकिन अब 121 मीट्रिक टन ऑक्सीजन बननी चालू हो गई है- अरविंद केजरीवाल*
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 32 किस्म की दवाइयां हैं, जो अलग-अलग तरीके से कोरोना के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। इन सारी दवाइयों को दो महीने का बफर स्टॉक ऑर्डर किया जा रहा है, ताकि किसी भी तरह से दवाइयों की कमी न पड़े। होम आइसोलेशन के लिए भी सारी तैयारियां दुरूस्त की जा रही हैं। काफी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं, ताकि अगर कोरोना तीसरी लहर या ओमिक्रोन वेरिएंट आता है, तो होम आइसोलेशन के लिए भी हम लोग तैयार रहें। पिछली बार हमें ऑक्सीजन की कमी हुई थी। ऑक्सीजन के लिए हमारे पास दिल्ली के जितने अस्पाताल हैं, उन सारे अस्पतालों को मिलाकर लगभग 750 मीट्रिक टन की क्षमता है। पिछली बार सबसे ज्यादा दिक्कत ऑक्सीजन स्टोरेज और वितरण की थी। उससे निपटने के लिए हमने 442 मीट्रिन टन की अतिरिक्त स्टोरेज क्षमता बना ली है। अब हमारे पास 442 मीट्रिन टन ऑक्सीजन भंडारण के लिए टैंक तैयार हैं, जो कि पहले नहीं थे। दिल्ली में पहले ऑक्सीजन बनाने की क्षमता शून्य थी। लेकिन अब हमने ऑक्सीजन बनाने के लिए पीएसए प्लांट बनाए हैं। इन प्लांट्स की मदद से दिल्ली में अब 121 मीट्रिक टन ऑक्सीजन बननी चालू हो गई हैं।
*हम 15 ऑक्सीजन के टैंकर खरीद रहे हैं, जो एक महीने के अंदर आ जाएंगे- अरविंद केजरीवाल*
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछली बार हर अस्पताल यह कह रहा था कि हमारी ऑक्सीजन खत्म हो गई। इस पर हम सब लोगों ने मिल कर ऑक्सीजन का इंतजाम भी किया। अब हमने दिल्ली में जितने भी ऑक्सीजन टैंक हैं, चाहे किसी अस्पताल है या हमारे बड़े टैंक हैं या छोटे टैंक हैं, इसमें टेलीमेट्री डिवाइस लगाने के निर्देश दे दिए हैं। इस डिवाइस से रियल टाइम बेसिस पर हमारे वार रूम में हर मिनट में पता चलता रहेगा कि किस टैंक में इस समय कितनी ऑक्सीजन मौजूद है। कहां पर ऑक्सीजन खत्म होने वाली है। इस डिवाइस की मदद से ऑक्सीजन प्रबंधन में मदद मिलेगी। पिछली बार हर अस्पताल के अदंर जो ऑक्सीजन सिलेंडर होते हैं, उनके अलावा हमारे पास अतिरिक्त क्षमता नहीं थी। ताकि अगर हमें अतिरिक्त बेड लगाने पड़े तो हमारे पास खाली सिलेंडर भी नहीं थे। हम लोगों ने चीन से छह हजार ऑक्सीजन सिलेंडर को आयात कर लिए हैं। अब हमारे पास छह हजार ‘डी’ टाइप खाली ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद हैं। इसके जरिए हम विभिन्न स्थानों पर जल्द से जल्द नए बेड तैयार कर सकते हैं। दिल्ली के अंदर अभी तीन प्राइवेट रीफिलिंग प्लांट्स हैं। जिनकी क्षमता 1500 सिलेंडर प्रतिदिन भरने की क्षमता है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने दो बॉटलिंग प्लांट्स और लगा लिए हैं। इनकी भी सिलेंडर भरने की क्षमता लगभग 1400 है। इस तरह दिल्ली की अब 2900 सिलेंडर प्रतिदिन भरने की क्षमता हो गई है। पिछली बार सबसे बड़ी दिक्कत यह भी आई थी कि हमारे पास ऑक्सीजन के टैंकर नहीं थे। केंद्र सरकार कहती थी कि पानीपत से ऑक्सीजन मंगा लो, लेकिन हमारे पास टैंकर ही नहीं थे। अब हम 15 ऑक्सीजन के टैंकर खरीद रहे हैं। उम्मीद है कि एक महीने के अंदर दिल्ली के यह टैंकर आ जाएंगे।
*अगर कोरोना की लहर आती है, तो हम तैयार हैं – अरविंद केजरीवाल*
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में वैक्सीनेशन की स्थिति अच्छी है। 93 फीसद लोग पहली डोज लगवा चुके हैं, जबकि 57 फीसद लोग दूसरी डोज लगवा चुके हैं। मेरी उन सभी लोगों से हाथ जोड़ कर गुजारिश है, जिन्होंने अभी दूसरी डोज नहीं लगवाई है, वो भी आगे आकर दूसरी डोज जल्द से जल्द लगवा लें। मैं उम्मीद करता हूं कि कोरोना की तीसरी लहर न आए, ओमीक्रान वायरस न आए। बड़ी मुश्किल से पूरे देश ने कोराना का मुकाबला किया। लेकिन अगर कोरोना की लहर आती है, तो हम तैयार हैं, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
*विशेषज्ञ डॉक्टर भी कोविड मरीजों का कर सकेंगे इलाज*
दिल्ली सरकार कोविड प्रबंधन के लिए मैन पावर बढ़ाने पर भी फोकस कर रही है, जिससे कि अगर संक्रमण में तेजी आती है, तो डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स स्टॉफ की कमी न हो। इसके लिए दिल्ली सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ मेडिकल स्टूडेंट्स, नर्सेज और पैरामेडिकल स्टॉफ को कोविड प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण दिया है। सरकार ने कुल 15370 डॉक्टर, नर्सेज, मेडिकल स्टूडेंट्स और पैरामेडिक्स को प्रशिक्षण दिया है, जिसमें 4673 डॉक्टर, 1707 मेडिकल छात्र, 6265 नर्स और 2726 पैरामेडिक्स शामिल हैं। इन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, कोविड प्रबंधन, पीडियाट्रिक वार्ड कोविड प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया है।
*पांच हजार हेल्थ असिस्टेंट भी किए जा रहे तैयार*
दिल्ली सरकार ने कोरोना की संभावित लहर को ध्यान में रखते हुए पांच हजार हेल्थ असिस्टेंट तैयार किए जा रहे हैं। हेल्थ असिस्टेंट को नर्सिंग, पैरामेडिक्स, होम केयर, ब्लड प्रेशर मापने, वैक्सीन लगाने आदि की बेसिक ट्रेनिंग दी गई है। हेल्थ असिस्टेंट, डॉक्टर और नर्स के असिस्टेंट के रूप में काम करेंगे और खुद से कोई निर्णय नहीं ले पाएंगे। इनकी मदद लेकर डॉक्टर अधिक कुशलता पूर्वक काम कर पाएंगे और मरीजों की देखभाल भी काफी अच्छे से हो सकेगी।
*होम आइसोलेशन को और मजबूत करने के निर्देश*
दिल्ली सरकार अपने होम आइसोलेशन सिस्टम को और मजबूत करेगी। दिल्ली में कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों का घर पर ही इलाज किया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक मजबूत सिस्टम बनाया हुआ है। इसके तहत होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे मरीजों को दिल्ली सरकार की तरफ से गठित डॉक्टरों की टीम प्रतिदिन सुबह-शाम कॉल कर स्वास्थ्य संबंधित जानकारी लेती है। इस दौरान मरीजों को और देखभाल कर्ता को क्या-क्या सुरक्षा उपायों को अपनाना है, इसकी जानकारी देते हैं। अगर मरीज की तबीयत अधिक गंभीर होती है, तो फिर उसे डॉक्टर किसी अस्पताल में शिफ्ट करा देते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने होम आइसोलेशन को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।
*कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 की ले सकते हैं मदद*
दिल्ली सरकार ने कोविड मरीजों को किसी भी दिक्कत के दौरान मदद के लिए कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 जारी किया है। यह हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे काम करता है। इसमें तीन शिफ्टों में 25 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, जो 600 से 700 कॉल अटेंड कर सकते हैं। अगर कॉल संख्या में वृद्धि होती है, तो इसे बढ़ा दिया जाएगा। कोई भी हेल्पलाइन नंबर पर काल कर ऑक्सीजन सिलेंडर, टेली परामर्श, पल्स ऑक्सीमीटर, मेडिसिन किट, वैक्सीनेशन, अस्पताल में बेड की उपलब्धता, होम आइसोलेशन, एंबुलेंस सेवा, टेस्ट समेत अन्य जानकारी प्राप्त कर सकता है।
*केजरीवाल सरकार अब तक वैक्सीन की लगा चुकी है 2.25 करोड़ डोज*
दिल्ली सरकार कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए अपने नागरिकों को वैक्सीन लगाने को लेकर शुरू से ही बहुत गंभीर रही है। इसी का परिणाम है कि दिल्ली में अब 2.25 करोड़ वैक्सीन की डोल दी जा चुकी है। इसमें 137.94 लाख लोगों ने वैक्सीन की पहली डोल ली है, जबकि 87.05 लाख लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है। वहीं, 45 वर्ष से अधिक उम्र के 42.14 लाख लोगों को एक डोज दी जा चुकी है, जबकि 31.44 लाख लोगों को दोनों डोज दी जा चुकी है। इसी तरह, 18 से 44 वर्ष तक के 88.75 लाख लोगों को एक डोज और 49.37 लाख लोगों को दोनों डोज दी जा चुकी है। 2.61 लाख हेल्थ वर्कर्स ने एक डोज और 2.34 लाख ने दोनों डोज ले ली है। जबकि 4.44 लाख फ्रंट लाइन वकर्स ने एक डोज और 3.90 लाख ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है। अभी तक जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, दिल्ली सरकार ऐसे लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक कर रही है।
*आईजीआई एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच के लिए मोबाइल वैन*
दिल्ली सरकार कोरोना के नए वैरिएंट से दिल्ली के निवासियों को बचाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पर जांच अभियान सख्त करने का निर्णय लिया है। एयरपोर्ट पर फ्लाइट से उतरने वाले यात्रियों की भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार जांच की जा रही है। लेकिन एक दिसंबर से नए दिशा निर्देशों को लागू किया जाएगा। जिसमें यात्रियों की टेस्टिंग, आइसोलेशन और क्वारंटीन शामिल है। यात्रियों को टेस्ट रिपोर्ट लेने में असुविधा न हो और उन्हें जल्द रिपोर्ट देने के लिए मोबाइल वैन लगाई जाएंगी। जिससे यात्रियों को एयरपोर्ट पर अधिक देर तक रूकना न पड़े।
*मेडिकल ऑक्सीजन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही केजरीवाल सरकार*
दिल्ली सरकार मेडिकल ऑक्सीजन के इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूत करने पर काम कर रही है। जिससे कि ऑक्सीजन की अधिक मांग बढ़ने पर उसकी पूर्ति की जा सके। इसके लिए मेडिकल ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जा रहा है। इस दिशा में, सरकार ने एलएमओ और पीएसए प्लांट की क्षमता बढ़ा रही है और ऑक्सीजन सिलेंडरों की रिफिलिंग क्षमता बढ़ा रही है। इसके लिए टैंकरों की खरीद और टेलीमेट्री उपकरणों को स्थापित करने पर काम किया जा रहा है।
*ऑक्सीजन टैंक में लगाया जाएगा टेलीमेट्री डिवाइस*
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री उपकरण स्थापित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि ऑक्सीजन की उपलब्धता का वास्तवित डेटा मिलता रहे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि टैंक चाहे छोटा हो या बड़ा, सभी जगह टेलीमेट्री उपकरण लगाया जाए। इस तरह के उपकरण लगाने से डैशबोर्ड पर ऑक्सीजन की रीयल टाइम डेटा उपलब्ध होगा। यह अधिकारियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने और ऑक्सीजन की स्थिति को ट्रैक करने में मदद करेगा।
*केजरीवाल सरकार ने किया दिल्ली की ऑक्सीजन क्षमता में वृद्धि*
दिल्ली सरकार ने दिल्ली की ऑक्सीजन क्षमता में काफी इजाफा किया है। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के मामले में दिल्ली में भंडारण क्षमता अब 790 मीट्रिक टन हो गई है। इसके अलावा, दिल्ली में 442 मीट्रिक टन का एलएमओ बफर रिजर्व भी स्थापित किया गया है। दिल्ली की पीएसए क्षमता को भी बढ़ाकर 121.37 मीट्रिक टन कर दिया गया है। चिकित्सा संस्थानों के पास ही ऑक्सीजन सिलेंडर की क्षमता 217 मीट्रिक टन तक कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, आपातकालीन उपयोग के लिए 6,000 ‘डी’ टाइप के सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं। पहले, दिल्ली में ऑक्सीजन रिफिलिंग क्षमता एक दिन में 1,500 सिलेंडर थी। अब इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए 12.5 मीट्रिक टन की क्षमता के दो क्रॉयोजेनिक प्लांट स्थापित किए गए हैं। इनसे प्रतिदिन अतिरिक्त 1,400 जंबो सिलेंडर भरे जा सकेंगे।