लखीमपुर खीरी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय लखीमपुर है। यह नेपाल की सीमा से सटा हुआ है और इसका नाम लखीमपुर और खीरी के दो नगरों पर रखा गया है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह ज़िला उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिलों में से हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी, लखनऊ यहाँ से 135 किमी की दूरी पर है इस जिले में विधानसभा की 8 सीटे हैं आज हम बात करेंगे कस्ता विधानसभा की कस्ता सुरक्षित सीट है।
लखीमपुर खीरी की कस्ता विधानसभा सीट 2012 परिसीमन में नवनिर्मित सुरक्षित सीट बनी थी. इस विधानसभा में लगभग 3 लाख वोटर है इस विधानसभा से सबसे पहले समाजवादी पार्टी के सुनील कुमार लाला विधायक बने थे और बसपा के सौरभ सिंह सोनू को हराया था. तीसरे स्थान पर कांग्रेस के बंशीधर राज थे और चौथे स्थान पर भाजपा की कृष्णा राज रही थी
2017 में कस्ता विधानसभा सीट पर दूसरी बार चुनाव हुए. इस चुनाव में बसपा से भारतीय जनता पार्टी में पहुंचे सौरभ सिंह सोनू ने 92824 मत पाकर सुनील कुमार लाला को हराया और पिछली हार का बदला लिया. इस चुनाव में सपा के सुनील लाला 68551 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे और बसपा के राजेश गौतम 41778 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
कस्ता विधानसभा में अनुसूचित जाति के करीब एक लाख, ओबीसी एक लाख 21 हजार तथा सामान्य जाति के लगभग 49 हजार और अन्य के 10 हजार वोट हैं.
कस्ता विधानसभा में आवारा पशुओं से लोग परेशान हैं. किसान अपनी फसल को बचाने के लिए दिन रात खेतों की रखवाली में लगे रहते हैं. वहीं, विधानसभा में डग्गामार वाहन भी बड़ी परेशानी हैं और आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. शिक्षा के मामले में भी ये क्षेत्र पिछड़ा है, यहां बालिकाओं के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. युवा बेरोजगार हैं और स्वास्थ्य सुविधाएं भी बेहतर नहीं हैं. किसान परेशान हैं, हालांकि कई योजनाओं से इनको लाभ मिला है.
भारतीय जनता पार्टी के विधायक सौरभ सिंह सोनू पीएम मोदी और सीएम योगी के नाम पर ही चुनाव लड़ेंगे. इनको राजनीति विरासत में मिली है. इनके पिता जुगल किशोर कभी मायावती के खास माने जाते थे. सौरभ सिंह युवा प्रत्याशी होंगे और युवाओ में इनकी खास पैठ मानी जाती है.
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक सुनील कुमार लाला ने भी क्षेत्र में कई काम करवाए थे. 2012 विधानसभा में तहसील भी स्वीकृत कराई थी, सड़कें भी बनवाई हैं और ये खुद व पार्टी की छवि से चुनाव लड़ेंगे.
विधानसभा 2022 के चुनाव के लिए इस बार कस्ता विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान कस्ता विधायक सौरभ सिंह सोनू के अलावा सुजीता कुमारी ,अवधेश कुमार उर्फ पप्पू, तीसरी बार जिला पंचायत सदस्य रहे सुरेश पुष्कर प्रमुख रूप से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
समाजवादी पार्टी से पूर्व कस्ता विधायक सुनील कुमार लाला के साथ बंशीधर राज के पुत्र श्री कृष्ण भार्गव टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी से पूर्व मितौली प्रधान दिनेश कुमार मास्टर का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। कस्ता विधानसभा में इस बार भी सपा और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।कभी कांग्रेस का गढ़ रहे लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले में कांग्रेस एक अरसे से कोमा में है. 2009 में जिले की दोनों लोकसभा सीटें जीतने से कांग्रेस में उम्मीद जगी थी. लेकिन 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई. 2017 का चुनाव कांग्रेस ने सपा के साथ मिलकर लड़ा, लेकिन ये समीकरण भी फेल हो गया.