स्किल इंडिया मिशन कौशल की नई पहचान है जिसने देश के युवाओं को एक नई राह दिखाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्किल इंडिय मिशन लगातार सफलता के नए आयाम छू रहा है। अब भारत में कौशल को एक नया मंच मिल चुका है जिससे नई पीढ़ी के लाखों करोड़ों युवा नए-नए कौशल सीखकर स्वयं और देश को संवारने में लगे हैं।
कोविड की महामारी ने विश्व के सभी देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया। भारत में भी इसका बुरा असर हुआ। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा शक्ति समेत हमारे देश के वैज्ञानिकों और युवाओं ने इस स्थिति से निपटने के लिए दिन रात एक कर दिया। कोविड ने पूरे विश्व को भारत की एकता का परिचय दिया। भारत में स्किल इंडिया से प्रशिक्षित युवा अब देश की नई ताकत बन रहे हैं। इस यात्रा में स्किल इंडिया के कार्यक्रम के तहत युवा कोविड फ्रंटलाइन वर्कर बन रहे हैं।
कोविड फ्रंटलाइन वर्कर मनदीप कौर के माता पिता का निधन हो चुका है बावजूद उसके मनदीप ने अपना हौसला नहीं छोड़ा। मनदीप ने स्किल इंडिया मिशन के तहत कोविड फ्रंटलाइन वर्कर की 33 दिनों की क्लास ली। कोर्स में मनदीप ने सीखा कि कैसे कोविड के मरीजों की देखभाल की जाए। स्किल इंडिया सेंटर में क्लास पूरी होने के बाद मनदीप की तीन महीने की सरकारी अस्पताल में ट्रेनिंग चल रही है।
पंजाब से कोविड फ्रंटलाइन वर्कर बलविंदर सिंह ने बताया कि भारत सरकार द्वारा निशुल्क कोर्स कराए जा रहे हैं। मैंने भी कोविड फ्रंटलाइन वर्कर का कोर्स पूरा किया। लगातार क्लास लेने के बाद अब मुझे अस्पताल में ट्रेनिंग के लिए चयनित किया गया है। कोर्स में बताया गया कि कोविड के मरीजों की किस तरह से देख-रेख की जाती है।
होम केयर सपोर्ट का प्रशिक्षण लेने वाली शिवानी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि मैंने इस कोर्स के दौरान टेंपरेचरब्लड शुगरब्लड प्रेशरऑक्सीजन लेवल चेक करना सीखा। इसके बाद हमने पेशेंट की केयर करनी सीखी जोकि सिर से लेकर पैर तक होती है। मुझ में अब विश्वास जागा है कि हाँ मैं यह काम कर सकती हूँ।
कोविड फ्रंटलाइन वर्कर बनते इन युवाओं का कहना है कि वह स्किल इंडिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करते है कि इनके द्वारा उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिला। यह कोर्स मुफ्त है जिसके लिए उन्हें कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ा।