उत्तर प्रदेश स्थित औरैया के बिधूना से भारतीय जनता पार्टी के विधायक विनय शाक्य ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भी स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना समर्थन दिया है। शाक्य ने गुरुवार को यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भेजे इस्तीफे में कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्ष के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई और ना उन्हें उचित सम्मान दिया गया। शाक्य, आठवें विधायक हैं जिन्होंने पार्टी छोड़ी है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने सोशल मीडिया एप कू पर इस्तीफे की कॉपी पोस्ट कर कहा कि स्वामी प्रसाद मोर्य के समर्थक विधायक विनय शाक्य ने इस्तीफा दे दिया है, वे जल्द सपा ज्वाइन करेंगे।
जानें- अपने इस्तीफे में विधायक विनय शाक्य ने क्या लिखा
स्वतंत्र देव सिंह को भेजी चिट्ठी में शाक्य ने लिखा कि प्रदेश सरकार द्वारा दलितों, पिछड़ों, किसानों व बेरोजगार नौजवानों और छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की भी घोर उपेक्षा की गई है। प्रदेश सरकार के ऐसे रवैया के कारण मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। स्वामी प्रसाद मौर्य, शोषित और पीड़ितों की आवाज हैं, मैं उनके साथ हूं। बीते दिनों विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनके पिता का चाचा ने अपहरण कर लिया है।
इन विधायकों ने भी दिया है इस्तीफा
इससे पहले गुरुवार को ही फिरोजाबाद के शिकोहाबाद से विधायक मुकेश वर्मा ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य को समर्थन देते हुए इस्तीफा दिया। वर्मा ने कहा कि हमारे साथ 100 विधायक हैं और भाजपा को रोज इंजेक्शन लगेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा अगड़ों की पार्टी है और वहां दलितों और पिछड़ों का सम्मान नहीं है। वर्मा ने दावा किया कि पिछड़ों को टारगेट करके नौकरी नहीं लगने दी। वर्मा ने कहा कि भाजपा दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ा विरोधी है। वर्मा और शाक्य के आलवा इस्तीफा देने वालों विधायकों में बिल्हौर से भगवती प्रसाद सागर, शाहजहांपुर से रोशन लाल वर्मा ने भी इस्तीफा दिया है। अवतार सिंह भड़ाना, ब्रजेश प्रजापति ने भी यूपी के भाजपा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया है।