30 अगस्त को पैदल हांथों में तिरंगा लेकर अपने घर से निकला था अपूर्व भूषण
कुल 1100 किलोमीटर में एक माह दस दिन में तय कर ली आधे से अधिक दूरी
संजीव पांडेय
सीतापुर। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितना बाजुएं कातिल में हैं…..शायर बिस्मिल अजीमाबादी की गजलों की यह लाईन गुनगुनता एक युवक कंधे पर तिरंगा लहराता और पीठ पर एक बैग बांधे अपनी मंजिल की ओर पैदल ही कदम से कदम मिलता चला जा रहा है। सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर वह सीतापुर जिले की सीमा में प्रवेश करता है और यंहा पर थोड़ी देर विश्राम कर फिर एक कदम बढ़ाकर अपनी मंजिल को पाने की जिद में फिर से वह निकल जाता है…..
बात की जा रही है बिहार प्रांत के छपरा जिले की पहाड़ी चक सौनपुर निवासी अपूर्व भूषण (42) पुत्र शशि भूषण की।जो की पिछ्ले 30 अगस्त को हाथों में तिरंगा लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने की तमन्ना लेकर घर से पैदल ही बिहार से नई दिल्ली की दूरी तय करने की ठान ली है। हालांकि जुनून और हौंसलों के दम पर उन्होनें एक माह दस दिन में लगभग पांच सौ किलोमीटर से भी अधिक की दूरी तय कर सीतापुर जिले की सीमा में प्रवेश कर दिया है। इसके बाद भी उन्हें अभी भी करीब पांच सौ किलोमीटर की दूरी तय करनी शेष बची है।अपूर्व भूषण पेशे से एक शिक्षक हैं और एक निजी विद्यालय में शिक्षा प्रदान करते हैं। उनकी तमन्ना है कि वह पैदल ही चलकर बिहार से नई दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे।उन्होनें बताया कि हम कि चाहते हैं कि हमारे जो भी बिहार के रहने वाले सदस्य रोजी-रोटी के कारण अपने घरों से दूर रहकर गैर राज्यों में नौकरी कर रहें हैं उन्हें बिहार में ही कार्य दे दिया जाय।जिसके कारण वह अपने परिवार के साथ रह सके। युवक ने सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर राहुल गांधी से मिलकर उनका साथ देने की बात कही है।