कन्हैया लाल यादव/बलरामपुर..तेजी से बढ़ती जनसंख्या के नियंत्रण और जन जागरूकता के लिए विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिला संयुक्त चिकित्सालय में गोष्ठी का आयोजन कर जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
जिला संयुक्त चिकित्सालय परिसर में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी के सिंह ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस क्यों 11 जुलाई को ही मनाया जाता है, इस दिन को मनाने के पीछे कारण ,हर सेकंड बढ़ रही आबादी के मुद्दे पर लोगों का ध्यान खींचना है। इस दिन की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम यूएनडीपी की शासी परिषद ने पहली बार 1989 में तब हुई जब आबादी का आंकड़ा करीब पांच बिलियन के आस-पास पहुंच गया था।
संयुक्त राष्ट्र की गवर्निंग काउंसिल के फैसले के अनुसार, वर्ष 1989 में विकास कार्यक्रम में, विश्व स्तर पर समुदाय की सिफारिश पर यह तय किया गया कि हर साल 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
अरविन्द मिश्रा जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इस दिन के जरिए लोगों का ध्यान प्रजनन स्वास्थ्य समस्याओं की ओर भी दिलाना है क्योंकि खराब स्वास्थ्य दुनिया भर में गर्भवती महिलाओं की मौत का प्रमुख कारण है। भारत और चीन समेत दुनिया के कई देश आज बढ़ती जनसंख्या पर पैनी नज़र रखने लगे हैं। विकास की राह पर आगे बढ़ने की कोशिश में लगे देशों के लिए बढ़ती आबादी आज एक अहम मुद्दा है।
शिवेंद्र मणि त्रिपाठी डी पी एम ने कहा कि यदि आंकड़ों की मानें तो केवल भारत में हर मिनट 25 बच्चे पैदा होते हैं, ये वो आंकड़ा है जो कि अस्पतालों में दर्ज है लेकिन भारत में अभी भी बहुत सारे बच्चे अस्पताल में पैदा नहीं होते हैं इसलिए उनका आंकड़ा कहीं पर मौजूद नहीं है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर भारत ने अपनी तेजी से बढ़ रही जनसंख्या की दर कम करने के लिए जल्दी कुछ ठोस कदम नहीं उठाए तो 2030 तक वह विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला देश कहलाएगा।
गोष्ठी के बाद जन जागरूकता अभियान के लिए प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने रवाना किया प्रचार वाहन दूरदराज के ग्रामीण अंचलों में घूमकर लोगों को जन जागरूक करेगा इस अवसर पर डॉ जयंत कुमार , डॉ एन के बाजपेयी, नाज़िम, शिखा, विनोद, तुलसीदास गजेंद्र , सिद्धार्थ आशा बहू एनम एवं अस्पताल स्टाफ आदि उपस्थित रहे।