खुद को मुसलमानों का नेता बताने वाले आजम खान की सच्चाई सामने आ चुकी है। वक्फ संपत्तियां, कब्रिस्तान और गरीबों की जमीन पर कब्जा करने के मामले में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जाँच की संस्तुति कर दी है। आज़म के खिलाफ कब्रिस्तान की जमीन को अवैध तरीके से अपनी पत्नी के नाम कराने का आरोप है।यही नही इसके अलावा उन पर मुसलमानों की जमीनें पुलिस और प्रशासन के बल पर जबरदस्ती कम कीमत पर अपनी यूनिवर्सिटी के नाम दर्ज करवा ली।
मामला रामपुर जिले के सदर तहसील के गाँव मडैयान नादरबाग की है जहाँ की गाटा संख्या 311/1 जमीन कब्रिस्तान के नाम से दर्ज़ थी जिसे आजम खान ने सपा सरकार में अपने रसूख के दम पर अपनी पत्नी तंजी़म फात्मा और बेटे नदीब आज़म के नाम दर्ज़ करा ली थी। तंजीम फात्मा के नाम से पहले इस जमीन को आज़म कान ने अपने समर्थक आमिरशाह के नाम कराई थी जिससे वो कानूनी रुप से सीधे सीधे इस पचडे़ में ना आएं। यही नही उसके बाद आजम खान ने वक्फ़ की इस जमीन को बेचकर लाखों रुपए डकार गए।
इसी तरह के अन्य कई मामले आज़म खा़न ने किए हैं जिसके बाद एक संस्था ने उन पर फ़तवा भी जारी किया था। ये फतवा मुरादाबाद के मदरसा जामिया नई मिया अरबी यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी किया गया है।
फतवा लेने वाले मौलाना मुहिब्बे अली नईमी का कहना है कि रामपुर में आजम ने अपनी मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को जाने वाले रास्ते के लिए मुसलमानों के कब्रिस्तान को नष्ट किया और कब्रों को तोड़कर अपनी सरकार के बल पर उसपर सड़क बनवा दी।