दिल्ली। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और अजित जोगी की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता पार्टी में से बीएसपी का गठबंधन किसके साथ होगा,इसको लेकर कयासों का बाजार गर्म है। लेकिन बीजेपी के नेता इन अटकलों के बाजारों से इतर चौथी बार सत्ता पर काबिज होने का दावा करते नजर आ रहे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और छत्तीसग-सजय़ सरकार में कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि राज्य में चौथी बार भी सरकार बीजेपी की ही बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हार सुनिश्चित लग रही है, इसलिए वो राज्य सरकार पर अर्नगल आरोप लगा रही है और गठबंधन के बैसाखी पर चुनाव जीतने का सपना संजोए बैठी है।
छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दावा किया कि बीएसपीकांग्रेस के लिए चुनौती होगी, बीजेपी के लिए नहीं । छत्तीसग-सजय़ की जनता को विपक्षी पार्टियां गुमराह नहीं कर सकती है। उन्हें मालूम है कि देशविरोधी लोग आम आदिवासियों और प्रदेश के हित में काम नहीं कर सकते हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि जोगी की पार्टी और बीएसपी का गठबंधन भी कांग्रेस के लिए चुनौती साबित होगा, जबकि उनका यह गठबंधन बीजेपी की जीत की गारंटी होगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी जनता के बीच में ‘‘ विश्वास आपका,सरकार हमारा‘‘ संदेश को लेकर चुनाव लड़ेगी। बृजमोहन अग्रवाल के मुताबिक मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और प्रदेश सरकार के बेहतरीन प्रशासनिक छवि की वजह से चौथी बार भी छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनेगी। प्रदेश की जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता है, उन्हें मालूम है कि बीते 15 सालों में राज्य सरकार ने विकास को ही प्राथमिकता दी है।
बसपा अपना जनाधार ब-सजय़ाने के लिए लंबे समय के बाद प्री पोल गठबंधन को लेकर काफी सक्रिय है। बसपा सुप्रीमो मायावती को मालूम है कि कर्नाटक के तर्ज पर राजस्थान, मध्यप्रदेश के साथ-ंउचयसाथ छत्तीसग-सजय़ में भी उनकी पार्टी सीटों का सम-हजयौता कर अपने उम्मीदवारों को जीत दिला सकती है। बीएसपी का प्रदेश में लगभग 6 प्रतिशत वोट शेयर रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस और अजित जोगी की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता पार्टी बीएसपी के साथ गठबंधन कर इस साल के अंत में होने वाले विधान सभा में पार्टी की स्थिति मजबूत करना चाहती है।
बता दें कि अजीत जोगी अपनी पार्टी बनाने से पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का चेहरा माने जाते थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से नाराज होकर उन्होंने 2016 में जोगी कांग्रेस के नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली। इसी मद्देनजर वे बसपा के साथ चुनावी तालमेल में कोशिश में जुट गए हैं। बसपा ने छत्तीसग-सजय़ में गठबंधन को लेकर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में बसपा अजीत जोगी के संग मिलकर चुनावी रण में उतरी है, तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा। दरअसल बीते कुछ महीने से गठबंधन को लेकर बसपा प्रमुख मायावती की सक्रियता बढ़ी है। वे विभिन्न दलों के राजनेताओं से मुलाकात कर रही है। पिछली चारों ही विधानसभाओं में बसपा एक-ंदो विधानसभा सीटें जीतती रही है। इसी के मद्देनजर कांग्रेस और अजीत जोगी दोनों बसपा के साथ तालमेल के लिए कोशिशों में जुटी है।