लखनऊ, 8 अगस्त। प्रख्यात शिक्षाविद् एवं सिटी मोन्टेसरी स्कूल की संस्थापिका डा.भारती गाँधी का जन्मदिवस आज बड़े ही हर्षोल्लास के साथ आध्यात्मिकता व ईश्वरीय एकता के सद्भावना पूर्ण माहौल में मनाया गया। सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय पर आयोजित विशेष समारोह में सी.एम.एस. कार्यकर्ताओं ने हर्षोल्लास के साथ डा. गाँधी का जन्मदिन मनाया तो वहीं दूसरी ओर सी.एम.एस. के सभी कैम्पसों में अध्ययनरत 56000 छात्रों व शिक्षकों ने अपनी आध्यात्मिक अभिभावक एवं प्रेरणास्रोत डा. गाँधी का जन्मदिन मनाया और बधाई कार्ड बनाकर अपनी भावनाओं को उकेरा। मुख्य समारोह सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस)
आॅडिटोरियम में हुआ जहाँ सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदी-रु39या गाँधी, सी.एम. एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन, सी.एम.एस. के डायरेक्टर आॅफ स्ट्रेटजी, रोशन गाँधी, सी.एम.एस. के विभिन्न कैम्पस की प्रधानाचार्याओं, गणमान्य हस्तियों व प्रबुद्ध नागरिकों ने डा. भारती गाँधी को जन्मदिवस की बधाईयाँ देते हुए उनकी दीर्घायु की कामना की। इसके अलावा, आज दिन भर डा. भारती गाँधी को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
प्रधान कार्यालय पर आयोजित समारोह में सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए डा. भारती गाँधी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि सी.एम.एस. के सभी कार्यकर्ता, शिक्षक व छात्र बड़े मनोयोग से एक ऐसे विश्व के नवनिर्माण में जुटे हैं जिसमें आध्यात्मिकता एवं चारित्रिक उत्कृष्टता की भावना समाहित है। उन्होंने कहा कि नया युग शुरू होने वाला है और मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि सी.एम.एस. के कर्तत्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं, शिक्षकों व छात्रों की बदौलत ‘विश्व एकता की गूंज’ अब सारे विश्व में सुनाई देने लगी है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-ंसम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि डा. गाँधी के अतुलनीय प्रयासों की बदौलत ही 5 बच्चों से शुरू हुए सिटी मोन्टेसरी स्कूल में आज 56,000 हजार बच्चे सारे विश्व में आध्यात्मिकता, चारित्रिक उत्कृष्टता, विश्व एकता व विश्व शान्ति का परचम लहरा रहे हैं। आपके मार्गदर्शन में गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्डस होल्डर एवं यूनेस्को -शांन्ति शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने विश्व में एक अलग स्थान अर्जित किया है। 8 अगस्त 1936 को जिला बुलन्दशहर के अनूपनगर में जन्मीं डा. गाँधी ने बच्चों की शिक्षा-ंदीक्षा पर विशेष शोध किया है एवं विशेषज्ञता अर्जित की है।
डा. गाँधी ने विभिन्न देशों की शिक्षा प्रणाली का अध्ययन करने हेतु जर्मनी, हालैंड, फ्रांस, सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमरीका, इंग्लैण्ड, अफगानिस्तान, हांगकांग, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, म्यांमार, इजराइल, ईरान, बेल्जियम, स्लोवाकिया, अफ्रीका आदि कई देशों की यात्राएं की। डा. गाँधी को -िरु39याक्षा व सामाजिक क्षेत्र में की गई उत्कृष्ट सेवाओं के लिए अब तक अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।