ज़ेबा ख़ान/आज के दौर में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं,चाहें वो शिक्षा जगत हो या खेल का मैदान हर जगह बेटियों ने अपना लौहा मनवाया है। देश की रक्षा में सीमा पर तैनात महिलाओं का जज़्बा भी काबिले तारीफ है। केंद्र सरकार द्वारा हमेशा से ही महिला सश्क्तिकरण पर काफी ज़ोर दिया जा रहा है। इसी के तर्ज पर सरकार ने दिल्ली की सुरक्षा का जिम्मा महिला SWAT को दे दिया गया है। आपको बता दें swat का अर्थ होता है स्पेशल विपन एंड टेक्टिस टीम होता है। आपको बता दें ये देश की पहली ऑल वुमेन SWAT टीम है। जो आज से दिल्ली में मोर्चा संभाल लेगी।गृहमंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से इस स्पेशल विमन कमांडो टीम को दिल्ली की सुरक्षा में तैनात किया जा रहा है।इन महिलाओं को सेंट्रल और साउथ दिल्ली की संवेदनशील जगहों पर तैनात किया जाएगा।इस टीम में टोटल 36 महिला कॉन्स्टेबल है। इस स्वैत टीम में सभी उत्तरपूर्वी राज्यों से आने वाली महिलाएं हैं। नेशनल और इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस एक्सपर्ट्स ने 15 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद इन्हें तैयार किया है। आपको बता दें कि पुरुष कमांडो को 12 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है, और इन महिलाओं को 15 महीने की ट्रेनिंग दी गई है।दरअसल इन महिलाओं के स्वैट टीम को लाल किला और इंडिया गेट के पास तैनात किया जा सकता है।ये स्वैट टीम बनाने का आइडिया सरकार को दिल्ली के पुलिस कमीश्नर अमूल्य पटनायक ने दिया था।पटनायक का ऐसा मानना है कि ये महिला स्वैट टीम किसी से भी कम नहीं है और साथ ही कई मामलों मे पुरुष साथियों से बेहतर है।
इस टीम में शामिल महिला पुलिस अधिकारियों को स्पेशल कमांडो ट्रेनिंग दी गई है। वे टैरर स्ट्राइक और हॉस्टेज क्राइसिस, जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए ट्रेंड हैं।स्वैट टीम की सभी महिला सदस्यों को इजरायली कर्व मागा की ट्रेनिंग दी गई है,आपको बता दें ये एक तरह की डिफेंस ट्रेनिंग होती है, जिसमें व्यक्ति बिना हथियार के हथियारबंद हमलावरों से लड़ाई लड़ने की तकनीक सिखता है।इसके साथ ही एस टीम की महिलाएं एमपी5 सबमशीन गन से लैस होंगी। इसे सबसे ताकतवर राइफल माना जाता है एमपी5 के साथ-साथ इनके पास glock 21 पिस्टल भी होगा। ये पॉइन्ट 45 कैलिबर गन में ये सबसे बेहतरीन मानी जाती है।इस टीम मे ज्यादातर सदस्य असम से हैं। 13 महिला कॉन्स्टेबल असम की रहने वाली हैं, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मणिपुर से 5-5 सदस्य हैं। मेघालय से चार, नगालैंड से 2, और मिजोरम और त्रिपुरा से 1-1 सदस्य है। अमेरिका के तर्ज पर कई देशों में स्वैत टीम बनाई गई है। ये टीम आतंकी और बड़ी घटनाओं से निपटने के लिए बनाई जाती है। भारत में इस को बनाने की शुरूआत मुंबई जैसे बड़े आतंकवादी हमलों के बाद की गई है। आपको बता दें इस टीम को हैंड ग्रेनेड किट, वायरलेस सेट, 20 मीटर नाइलॉन रस्सी, पेंसिल टॉर्च, बुलेटप्रूफ जैकेट, बुलेटप्रूफ हेल्मेट, कटर और कमांडो डैगर(चाकू) भी दिया गया है।