प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा एवं विधनसभा चुनावों के एक साथ कराने की वकातल के बीच आज चुनाव आयोग ने एक बड़ा बयान जारी कर फिलहाल दोनों चुनावों के एकसाथ कराने की संभावनाओं पर विराम लगा दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ किया है कि देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अभी एक साथ नहीं कराए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए कानूनी और संवैधानिक बदलाव करने जरूरी हैं।उन्होंने कहा कि इसके लिए जनप्रतिनिधि कानून को बदलना होगा।
हाल ही में विपक्षी पार्टियों के लोग इस बात की चर्चा करने में लगे थे कि भाजपा हाल ही में होने वाले 5 राज्यों के चुनावों को लोकसभा चुनाव के साथ कराने की सोच रही है क्योंकि अगर बीजेपी इन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन नही करती तो लोकसभा चुनावों में उसका नुकसान उठाना पड़ सकता है इसिए भाजपा चाहती है कि 5 राज्यों के चुनाव लोकसभा 2019 के साथ हों। लेकिन अब सभी अटकलों पर विराम लग गया है।