मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के गणेश शंकर विद्यार्थी सुभारती पत्रकारिता एवं जनसंचार संकाय में हिंदी पत्रकारिता दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य वक्ता चौ. चरण सिंह विवि के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत कुमार रहे। इस दौरान हिंदी पत्रकारिता की आवश्यता और भारतीय आजादी में हिंदी पत्रकारिता का योगदान विषय पर छात्रों और प्राध्यापकों ने विचार रखे।
कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती, सुभाष चंद्र बोस और अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता रहे डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत पं. जुगल किशोर शुक्ल के अपने पहले हिंदी भाषा के अखबार उदंत मार्तंड से की। जिसका शाब्दिक अर्थ ऊगता सूरज है, उन्होंने कहा की भारत में अधिकांश जनता हिंदी बोलने और समझने वालो है, ऐसे में उनके बीच उनकी भाषा में समाचारपत्र का उदय होना बड़ी बात थी जो लोगों में जुड़ाव पैदा कराने में पहला मील का पत्थर साबित हुआ।
उन्होंने एक कहानी के माध्यम से नूतन पत्रकारिता के छात्रों को समझाया कि कलम की सार्थकता तभी है जब वह समाज निर्माण और देश हित के लिए काम करें और खुद को साबित करने के लिए कठिन परिश्रम करें।
कार्यक्रम में सुभारती जनसंचार एवं पत्रकारिता संकाय के प्राचार्य डॉ. नीरज कर्ण सिंह ने कहा कि छात्र यह न सोचे की पत्रकारिता केवल व्यवसाय है, वह हमेशा यह ध्यान रखे कि भारत में पत्रकारिता के पुरोधा गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे पत्रकार रहें हैं, ऐसे में कितना भी व्यवसायिकता इस पैशे में आ जाएं लेकिन फिर भी हम भारतीयों के लिए मिशन ही रहेगा। जिसको देश हित में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। डॉ. सिंह ने कहा कि पत्रकार निष्पक्ष और निडर होना
चाहिए तभी वह साकारात्मक कार्य कर सकता है।
इस दौरान बीजेएमसी और एमजेएमसी के छात्रों ने पत्रकारिता के महत्व और समाज में पत्रकारिता के योगदान पर अपनी बात कही। इस दौरान गुंजन शर्मा, मुद्दासिर सुलतान, सुरेंद्र कुमार अधाना, यासिर अरफात, मुईद, प्रिंस चौहान, संजय जुगरान, संजय पाल आदि उपस्थित रहे।