मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बृहस्पतिवार दिनांक-13 फरवरी को प्रारम्भ हो रहे वर्ष 2020-21 के बजट सत्र को संचालित करने हेतु सभी दलीय नेताओं से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया है।इस बैठक में नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा का मंच उपलब्ध कराता है। बजट सत्र की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण से प्रारम्भ होगी। स्वाभाविक रूप से राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष एवं सत्ता पक्ष को अपनी बात खुलकर बोलने का एक अवसर प्राप्त होगा। विधान मण्डल में विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा होती सत्र में देश के सबसे बड़े राज्य का बजट प्रस्तुत होगा। सामान्य बजट में सभी दलीय नेताओं के साथ-साथ सदस्यों को भी अपनी बात रखने और अपना अनुरोध सुझाव देने का अच्छा सुनहरा अवसर प्राप्त होता है। उस समय का यदि हम उपयोग कर सके तो 4-5 दिन तक बजट पर ही चर्चा में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात को ज्यादा समय तक रखने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सदन में हम जो बोलते है, वह बोलने के बाद समाप्त नहीं होता है। उस शब्द को अमरता प्रदान करने का माध्यम विधान सभा है। सदन की कार्यवाही के रूप में एक धरोहर बनता है। जब तक भारत के लोकतंत्र का इतिहास अक्षुण रहेगा, तब तक सदस्यों द्वारा बोली गयी चीजें सुरक्षित रहेंगी। इसलिए सदस्यों द्वारा दिये जाने वाले सुझाव प्रभावी एवं महत्वपूर्ण होने चाहिए जो प्रदेश के लिए कल्याणकारी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर एक मुद्दे पर सार्थक चर्चा करने को तैयार है, किसानों, युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों और समाज के प्रत्येक तबके से जुड़ा हुआ हो या फिर प्रदेश की सुरक्षा से जुड़ा सवाल हो, हर एक विषय पर हम सार्थक चर्चा एवं समाधान करने कोे तैयार है।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि हम देश के सबसे बड़े राज्य से हैं। लोकतंत्र और जनतंत्र की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सदन की कार्यवाही जब सुन्दर ढंग से चलती है, तो आम जनता को बड़ा लाभ होता है। वैसे विधान सभा की दृष्टि से विपक्ष और सत्ता पक्ष अलग-अलग नहीं होते हैं। एक ही अंग हैं। सदन की कार्यवाही चलने से सरकार को फायदा होता है, जानकारियां बढ़ती है। विपक्ष को जानकारियां साक्षा करने से फायदा होता है। विपक्ष अपना पक्ष रख सकता है, कार्यक्रम रख सकता है। सुझाव रख सकता है। सभी दल के नेताओं से अनुरोध किया कि अपना-अपना पक्ष सदन में शालिनता व मर्यादा के साथ रखे। प्रेमपूर्ण वातावरण में सदन में बहस हो। उन्होंने सदन में प्रश्नोत्तर के समय अधिक से अधिक प्रश्न विचार हेतु आ सकें। इन पर सभी दलीय नेताओं से प्रश्नों में अनुपूरक को एक सीमा के अन्तर्गत निर्धारित करने के प्रश्न पर विचार करने को अपना अभिमत व्यक्त किया।दीक्षित ने राज्यपाल अभिभाषण को सदन में शांतिपूर्ण सुनने की परिपाटी विकसित करते हुए सदन को गरिमामय बनाने की भी अपील किया। बैठक में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी के स्थान पर उज्जवल रमण सिंह, बहुजन समाज पार्टी के लाल जी वर्मा और कांग्रेस पार्टी के नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ के स्थान पर श्री नरेश सैनी एवं अपना दल एस के नेता, नील रतन पटेल ने भाग लिया। बसपा के नेता लाल जी वर्मा ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि जितने दिनों तक सदन चलाये जाने की घोषणा हुई उतने दिन सदन अवश्य चलना चाहिए। विपक्ष को भी सभी मुद्दों को शांतिपूर्वक रखने का अवसर प्राप्त होना चाहिए। उन्होंने अपने दल की तरफ से सदन को गरिमामय ढंग संचालित करने में अपना प्रत्येक सहयोग देने हेतु आश्वस्त किया। सपा की तरफ से आए उज्जवल रमण सिंह ने विधेयकों को प्रथम प्रहर में लिए जाने हेतु अपना सुझाव रखते हुए प्रत्येक प्रकार का सहयोग देने का मंतव्य दोहराया। कांग्रेस की तरफ सेे नरेश सैनी एवं अपना दल एस के नेता, नील रतन पटेल ने भी प्रत्येक प्रकार से सकारात्मक सहयोग देने हेतु आश्वस्त किया।संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री की भावना के साथ-साथ सम्बद्व करते हुए सभी दलीय नेताओं से सदन के शान्तिपूर्ण सहयोग करने की अपील किया। कार्यमंत्रणा की बैठक के सम्बन्ध में अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि बैठक में 13 फरवरी से 7 मार्च तक घोषित कार्यक्रमों पर चर्चा हुई।13फरवरी को 11 बजे राज्यपाल का विधान मण्डल के एक साथ समवेत दोनों सदनों के समक्ष अभिभाषण होगा। 14, 17, 18 एवं 19 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। 18 फरवरी को 11ः00 बजे पूर्वाह्न वर्ष 2020-21 के आय-व्यय का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा। इस दिन नियम-56 के मामले नहीं लिये जायेंगे। दिनांक 20 फरवरी से सामान्य बजट पर चर्चा प्रारम्भ होगी। 24, 25, 26, 27 को आय-व्यय पर चर्चा होगी। दिनांक 28 फरवरी से 7 मार्च तक विभिन्न विभागों के अनुदान मांगों पर विचार एवं पारण होगा। दिनांक 14 फरवरी को सदन में निधन के निर्देश लिये जायेंगे। शेष कार्यक्रमों के लिए कार्यमंत्रणा पुनः बैठेगी। बैठक में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, रमापति शास्त्री, लक्ष्मी नारायण चैधरी, स्वामी प्रसाद मौर्य, माननीया राज्यमंत्री गुलाब देवी सहित अन्य सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे एवं प्रमुख सचिव, संसदीय कार्य जे0पी0 सिंह व अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
विपक्ष से हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार-योगी
Vikas Yadav
News Reporter
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