हर जरूरतमंद को भोजन की जिम्मेदारी डीएम की,
कंट्रोल रूप में एक भी फोन छूटने न पाये-योगी
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिना भेदभाव के हर जरूरतमंद को समय से भोजन मिलना चाहिए। जिन जिलों में अब तक कम्यूनिटी किचन शुरू नहीं हुए हैं, मुख्य सचिव आज वहां के डीएम से बात कर भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। साथ ही संबंधित डीएम की जवाबदेही भी तय करें। भोजन वितरण के कार्य में गांवों में प्रधानों के अलावा नगर निकायों में पार्षदों और अन्य कर्मचारियों की भी इसमें मदद लें।योगी ने कहा कि भोजन पहुँचने में विलंब हुआ तो ज़िलाधिकारियों की सीधे जवाबदेही तय करूंगा। उन्होंने पहली मीटिंग में सुबह 10 से 2 बजे दोपहर तक और दूसरी मीटिंग में शाम को 6 बजे से 8 तक पहुँचे रात तक भोजन पहुंचाने का निर्देश दिया। योगी ने अधिकारियों से कह कि हेल्पलाइन के नंबरों को रोज समीक्षा कर रहा हूं। जिस ज़िले से ज़्यादा लोगों के फ़ोन मदद के लिए आ रहे हैं, उन ज़िलाधिकारियों के बारे में लाक डाउन के बाद फैसला लूँगा। राज्य की 23 करोड़ जनता का हित मेरी प्राथमिकता है।
एलपीजी सिलेंडर, दवा, दूध और जरूरी सामान हर किसी को मिलनी चाहिए। शनिवार को अपने आवास पर टीम-11 की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कंट्रोल रूम में अगर कोई फोन नहीं उठा रहा है तो उसके खिलाफ एफआईआर कर उसे बंद कर दें। जिला आपूर्ति अधिकारी को निर्देश दें कि अगर कोई राशन नहीं मिलने की शिकायत करता है तो तुरंत उसका राशनकार्ड बनाने के साथ राशन और 1000 रुपये की मदद उस तक पहुंचाएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर जिन जिलों की शिकायतें सर्वाधिक आ रही हैं उनकी खुद निगरानी करने के साथ उनकी सूची भी मुझे उपलब्ध कराएं।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का जानबूझकर उल्लंघन या अराजकता फैलाना सोची-समझी साजिश है। ऐसे लोगों के साथ बेहद सख्ती से पेश आएं। तबलीगी जमात में शामिल हर किसी की धर-पकड़ करें। सबके मोबाइल जब्त कर कॉल डिटेल की जांच करें। उनके सभी सामानों की भी बारीकी से जांच करें। कुछ भी आपत्ति जनक मिलने पर उनको जब्त कर लें। जिन जगहों पर ऐसे लोग ठहरे हैं उनकी सफाई और सेनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दें। योगी ने लॉकडाउन खुलने के बाद की कार्ययोजना पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने टाइमिंग और सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि प्रदेश की सीमाएं अंतरराष्ट्रीय, अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय हैं। इन जगहों से होने वाले मूवमेंट का भी ध्यान देना होगा।
लॉकडाउन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर की भरपाई के लिए अभी से राज्य, जिला स्तरीय बैंकर्स से बात कर रणनीति तैयार करें। रोजगार मेला, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जिला एक उत्पाद और माटी कला बोर्ड आदि के जरिए क्या हो सकता है इसकी भी रणनीति बना लें। ताकि हालात सामान्य होते ही इन पर अमल किया जा सके।मुख्यमंत्री ने जनता से अपील किया कि लॉक डाउन में और लॉकडाउन खुलने पर अगर घर से बाहर निकलें तो चेहरा ढंककर के ही निकले। मास्क के साथ गमछा और दुपट्टा भी इसका विकल्प हो सकता है।