नई दिल्ली। जहां दिल्ली महाराष्ट्र के बाद कोरोनावायरस का देश में दूसरा सबसे बड़ा हाटस्पाॅट बन कर उभर रहा है वहीं पर एक हॉस्पिटल की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में प्रसूति विभाग में एक महिला की डिलीवरी कराई गई जो पहले से ही कोरोनावायरस पाज़िटिव थी। लेकिन विभाग की लापरवाही की वजह से उस महिला को कई वार्डों में घुमाया गया जिससे एक डॉक्टर और नर्स दोनों में कोरोना संक्रमण फैल गया। हालांकि वह महिला जिस जिस डिपार्टमेंट में गई थी वहां की जगहों को चिन्हित करके उनको डिसइनफेक्ट जरूर किया गया। अस्पताल में लापरवाही की वजह से एक महिला नर्स और एक डॉक्टर के साथ चार अन्य लोगों को भी कारंटाइंड किया गया है। लापरवाही का आलम यह है कि महिला को डिस्चार्ज करने के बाद उसके कमरे को सील भी नहीं किया गया और ना ही सैनिटाइज किया गया ।घटना के चार-पांच दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक इस लापरवाही की वजह से हुए संक्रमण को छुपाया जा रहा है।
प्रसूति रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ इंदु चावला जो इस लापरवाही की जिम्मेदार हैं उन्होंने अभी तक कोई उचित कदम भी नहीं उठाया है। न ही उस महिला के घर वालों को जो उसके संपर्क में थे उनकी जांच कराई गई और ना ही कोरोनावायरस पाज़िटिव महिला के संपर्क में आने वाले नर्सिंग स्टाफ गार्ड डॉक्टर और अन्य वर्करों की जांच के आदेश दिए गए। इस प्रकार से कोरोना के मरीज की पहचान होने के वावजूद इस घटना को छुपाना क्या ये तबलिगी जमात जैसी मानसिकता वाले लोगों का जमात नहीं लगता ?
इतने महत्वपूर्ण अस्पताल के द्वारा इस प्रकार के घटनाक्रम को क्यों छुपाने का प्रयास हुआ ? क्या मरीज के घर के आसपास सेनिटाइजेशन के लिए उचित अधिकारी को इसकी सूचना दी गई ? जैसे कई सवाल मुंह बाए खड़े हैं लेकिन इसका आरएमएल प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है आखिर इस तरह की लापरवाही करने वाले अधिकारियों के ऊपर कोई कार्यवाही कब तक होगी।