मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने 15 आईपीएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया। जोन में एडीजी व्यवस्था के बाद फिर नया प्रयोग 2 जिलों में डीआईजी तैनात किये गये। इसके पहले डीआईजी/एसएसपी का प्रयोग बसपा राज में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती कर चुकी हैं। कानपुर में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों के शहादत के बाद युवक के अपहरण में फजीहत झेल चुके नवागत एसएसपी दिनेश कुमार पी पर गाज गिरी, उन्हें कानपुर से झांसी भेज दिया गया।
सबसे आश्चर्य कानपुर के एडीजे जयनारायण सिंह और जोन में सबसे अधिक समय से जमें आईजी मोहित अग्रवाल का तबादलों की झोंक में भी बाल बांका नहीं हुआ। एसएसपी लखनऊ रह कर चर्चित हुए डीआईजी चित्रकूट दीपक कुमार को अयोध्या में डीआईजी/एसएसपी अयोध्या बना कर तैनात किया गया। श्रीरामजन्मभूमि पर 5 अगस्त को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के पूर्व मिली तैनाती को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। डीआईजी अलीगढ़ प्रतिन्दर कुमार को डीआईजी/एसएसपी कानपुर बनाया गया। सुसुप्तावस्था में रहने वाले आईजी बस्ती आशुतोष कुमार को आईजी पीएसी लखनऊ बनाया गया।
प्रतिनियुक्ति से लौटे दीपक रतन को आईजी अलीगढ़ रेंज बनाया गया। लखीमपुर खीरी की कप्तान रही पूनम को लंबी पारी के बाद साइडलाईन करते हुए सेना नायक पीएसी 15 वाहिनी आगरा बनाया गया। ईओडब्लू सत्येंद्र कुमार हटा कर सतेन्द्र कुमार को लखीमपुर खीरी का कप्तान बनाया गया। अयोध्या में तैनात एक ताकतवर कैबिनेट मंत्री के रिश्तेदार एसएसपी आशीष तिवारी को रेलवे झांसी भेजा गया।अमेठी को ढंग से न हैंडल कर पाने वाली आईपीएस ख्याति गर्ग को वहां से हटा कर लखनऊ कमिश्नरी लाया गया। उनके स्थान पर दिनेश सिंह को एसपी अमेठी बनाया गया।