लखनऊ: 01 सितम्बर, 2020 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में दिये गये प्राविधानों के तहत पारदर्शिता-पूर्ण वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी क्रम मंे डाटा डिजिटाइजेशन करते हुए आधार फीडिंग व सीडिंग कर ई-पाॅस मशीनों के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण द्वारा उपभोक्ताओं को वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। विगत एक वर्ष में समस्त राशन कार्ड के समस्त सदस्यों (13.68 करोड़) की आधार फीडिंग 96.71 प्रतिशत से बढ़ाकर 98.89 प्रतिशत (14.51 करोड़) कर दिया गया है। यह जानकारी अपर आयुक्त खाद्य श्री अनिल कुमार दुबे ने आज यहां दी।
आधार फीडिंग 96.71 प्रतिशत से बढ़ाकर 98.89 प्रतिशत की गयीपिछले एक वर्ष में कुल 82.68 लाख लाभार्थियों के आधार फीडिंग का कार्य किया कोरोना महामारी के कारण लाॅकडाउन अवधि माह अप्रैल से जून 2020 में 12.13 लाख नए राशनकार्ड एवं 2.88 लाख राशनकार्ड प्रवासी मजदूरों के जारी कर खाद्यान्न का वितरण किया गया
श्री दुबे ने बताया कि पिछले एक वर्ष में कुल 82.68 लाख लाभार्थियों के आधार फीडिंग का कार्य किया गया,
जिसमें से कोरोना संक्रमण के दृृष्टिगत लागू लाॅक डाउन अवधि-माह अप्रैल, 2020 से जून 2020 में भी 43.97 लाख लाभार्थियों के आधार फीडिंग का कार्य खाद्य एवं रसद विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया है।
अपर आयुक्त ने बताया कि विगत एक वर्ष में समस्त राशन कार्डों में फीडेड आधार की आधार सीडिंग 86.49 प्रतिशत (12.24 करोड़) से बढ़ाकर 95.50 प्रतिशत (14.01 करोड़) कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि 01 वर्ष में कुल 1.77 करोड़ लाभार्थियों के आधार सीडिंग का कार्य किया गया जिसमें से कोरोना संक्रमण के दृृष्टिगत लागू लाॅक डाउन अवधि माह अप्रैल, 2020 से जून 2020 में भी 47.40 लाख लाभार्थियों के आधार सीडिंग का कार्य विभाग द्वारा कराया गया है।
श्री दुबे ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण कोई भी व्यक्ति भूखा न रहने पाए, के दृृष्टिगत विभाग द्वारा लाॅकडाउन अवधि माह अप्रैल, 2020 से जून 2020 में भी 12.13 लाख नए राशनकार्ड एवं 2.88 लाख राशनकार्ड प्रवासी मजदूरों के जारी कराते हुए उन पर खाद्यान्न का वितरण कराया गया।
अपर आयुक्त ने बताया कि कारोना महामारी के दृृष्टिगत लागू लाॅक डाउन अवधि माह अप्रैल, 2020 से जून 2020 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत एन0एफ0एस0ए0 के प्रतिमाह औसतन 13.91 करोड़ लाभार्थियों को एवं आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत 06 लाख लाभार्थियों को खाद्यान्न का वितरण कराया गया।