रवि उपाध्याय/दिल्ली। नेशनल हाइवे 78 पर अथॉरिटी अॉफ इंडिया ने 78 किमी की टोल रोड़ की ग्रीन बेल्ट के पेड़ पौधों में पानी और मरम्मत आदि के लिए टेंडर निकाले गये थे।जिसमें 39 किमी का टेंडर मनीष अहलावत और 39 किमी का टेंडर अशोक गुर्जर को दिया गया था।जिसे लेकर भाकियू पर आरोप लगे है कि गुर्जर समाज के लोगों को काम नहीं करने दिया जा रहा है।जिसे लेकर अब भाकियू औऱ गुर्जर समाज के लोग आमने सामने आ गये है।
वहीं गुर्जर समाज के नेता अभिषेक चौधरी ने भाकियू पर आरोप लगाया है कि भाकियू गुर्जर समाज के ठेकेदार को काम हीं करने दे रही है और भाकियू ने अपने ठेकेदार मनीष अहलावत का काम शुरू करवा दिया है।जिसको लेकर दो दिन पहले भी गुर्जर समाज के लोगों की काकड़ा में पंचायत हुई थी।वहीं बुधवार शाम को भी गुर्जर समाज के लोगों ने भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट के आवास पर भी पंचायत की थी।
इस पंचायत में दोनों समाज के लोग मौजूद थे।गुर्जर समाज के लोगों का कहना है कि इस पंचायत से कोई भी समाधान नहीं निकल रहा है।इससे समाज के लोगों में भारी रोष फैल रहा है।इस मामले को लेकर गुर्जर समाज ने 17 जून को पिपलहेड़ा गांव में महापंचायत करने का फैसला लिया गया है।उसके बाद ही NH 78 पर काम शुरू किया जायेगा।वहीं भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकेत का कहना है कि जाटों पर काम रोकने तथा पक्षपात का आरोप गलत है ठेकेदारों का काम भाकियू ने नहीं बल्कि किसानों ने रोक रखा है।मनीष अहलावत का काम मेरठ क्षेत्र में आता है जबकि अशोक का काम मुजफ्फरनगर में आता है।
भाकियू प्रवक्ता का कहना है कि ऐसे में किसानों की अधिग्रहण की गयी भूमि का मुआवजा रूका हुआ है जिससे रोष से भरे किसानों द्वारा काम रोका जा रहा है।इस मामले का पटाक्षेप करने की आखिरी तारीख 24 जून रखी गयी है।फिलहाल दोनों पक्षों में सुलह बनती नजर नहीं आ रही है।