उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज द्वारका और रजोकरी स्थित पॉलिटेक्निक का दौरा किया। दोनों संस्थानों के कोर्सेस और आवश्यकताओं की जानकारी लेते हुए उन्होंने मार्केट की जरूरतों के मुताबिक बदलाव का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थानों के पास इंफ्रास्ट्रक्चर काफी अच्छा है और फेकेल्टी भी सक्षम है। लेकिन बदलते समय के साथ कोर्सेस में बदलाव नहीं होने के कारण इनमें प्रासंगिकता का अभाव दिखता है।
उन्होंने कहा कि मार्केट की मांग के अनुरूप कौशल विकास करके दिल्ली और देश की इकोनॉमी को आगे बढ़ाना हमारा लक्ष्य है।द्वारका स्थित इंटीग्रेटेड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वर्ल्ड क्लास सेंटर के भ्रमण के दौरान आज श्री सिसोदिया ने इन संस्थान के खास महत्व पर चर्चा की। संस्थान के प्रिंसिपल ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
रजोकरी प्रोद्योगिकी संस्थान के प्रिंसिपल ने भी प्रेजेंटेशन के माध्यम से वर्तमान पाठ्यक्रम की जानकारी दी गई। इस मौके पर श्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया के सामने एक माॅडल पेश किया है। अब कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए दिल्ली और देश को आर्थिक मंदी से निकालने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
श्री सिसोदिया ने कहा कि दुनिया भर में तकनीक का तेजी से विकास हो रहा है। उद्योग जगत को अत्याधुनिक तकनीक से लैस मैनपावर की जरूरत है। इसलिए हमें अपने कोर्सेस में ऐसा लचीलापन रखना होगा, ताकि बदलती जरूरत के साथ कोर्सेस में हम तत्काल कोई भी बदलाव करके मार्केट की जरूरत को पूरा कर सकें।
श्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली ने स्कूली शिक्षा के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। अब कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्र में भी विश्वस्तरीय संस्थान स्थापित करना हमारा अगला पड़ाव है। इसके लिए दिल्ली स्थित सभी आइटीआइ, पोलिटेकनिक और कौशल विकास केंद्रों का दौरा करके सबसे सुझाव लिए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) विधेयक पारित किया गया था। श्री सिसोदिया ने शिक्षा मंत्री के बतौर अपने दूसरे कार्यकाल में स्कील एजुकेशन को अपना प्रमुख एजेंडा बनाने का ऐलान किया है।